‘साइकिल’ को लेकर सपा में जंग, शाम को चुनाव आयोग जायेंगे मुलायम-शिवपाल

समाजवादी पार्टी में मचा घमासान खत्म होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के गुटों में पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' को लेकर जंग छिड़ गई है.

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‘साइकिल’ को लेकर सपा में जंग, शाम को चुनाव आयोग जायेंगे मुलायम-शिवपाल

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  • January 2, 2017 8:14 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में मचा घमासान खत्म होने की बजाए लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के गुटों में पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ को लेकर जंग छिड़ गई है.
 
 
बहुमत के दम पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं, जिसके बाद से ही अखिलेश और मुलायम के गूटों के बीच चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ पर दावा जताया जा रहा है. आज इसी मुद्दे को लेकर मुलायम सिंह यादव चुनाव आयोग पहुंचेंगे. चुनाव आयोग ने मुलायम सिंह यादव को शाम 4:30 बजे का समय दिया है.
 
मुलायम के घर पर मौजूद हैं सभी नेता
मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल भी चुनाव आयोग जाएंगे, दोनों ही लखनऊ से दिल्ली पहुंच चुके हैं. अखिलेश यादव की ओर से पार्टी से निकाले गए अमर सिंह आज लंदन से दिल्ली आ गए हैं और वह इस वक्त दिल्ली स्थित मुलायम के घर पर ही हैं. जया प्रदा भी वहां मौजूद हैं.
 
 
रामगोपाल भी दिल्ली में मौजूद
वहीं अखिलेश यादव का गुट भी चुनाव चिन्ह पर दावेदारी के लिए दिल्ली पहुंचेगा. रामगोपाल यादव कल रात यानी रविवार की रात ही दिल्ली पहुंच चुके हैं.
 
 
पहले कहा जा रहा था कि खराब स्वास्थ्य की वजह से मुलायम दिल्ली नहीं जाएंगे, लेकिन अब मुलायम ने खुद इस बात की जानकारी दी है कि वह दिल्ली जा रहे हैं और वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. चुनाव चिन्ह पर मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनाव चिन्ह उनका हस्ताक्षर है.  
 
 
बता दें कि कल सपा के अधिवेशन में रामगोपाल यादव ने अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था और मुलायम सिंह यादव को पार्टी का मार्गदर्शक. वहीं अखिलेश यादव में सपा में चल रही उथल-पुथल की जड़ अमर सिंह को मानते हुए पार्टी से निकाल दिया था और शिवपाल को भी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था.
 
 
जिसके बाद मुलायम सिंह ने अधिवेशन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि रविवार को रामगोपाल की ओर से बुलाए गया अधिवेशन को पूरी तरह से असंवैधानिक था, जिसके बाद मुलायम ने रामनरेश को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया, साथ ही अधिवेशन में शामिल पार्टी उपाध्यक्ष किरणमय नंदा और महासचिव नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निकाल दिया गया.
 

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