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धाकड़ पहलवान से लेकर पार्टी के मार्गदर्शक बनने तक मुलायम सिंह का सफर

नई दिल्ली : यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से पहले समाजवादी पार्टी में हो रहे ‘दंगल’ को लेकर देश की राजनीतिक पार्टियां भले ही अलग-अलग कयास लगा रही हैं, लेकिन इस पार्टी की नींव रखने वाले मुलायम सिंह यादव कभी दंगल के धाकड़ पहलवान हुआ करते थे.
आज भले ही वे पार्टी के दंगल में मुरझाए नजर आ रहे हैं लेकिन एक समय था जब वे अपने से दोगुने कद के लोगों को धोबी पछाड़ लगाकर चित कर देते थे. मुलायम सिंह यादव जिस साइकिल पर दंगल लड़ने जाते थे आज वही साइकिल उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह है.
मुलायम को राजनीति का मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है. एक ऐसा खिलाड़ी जिसके दाव का अंदाजा लगाना आम नेताओं के वश की बात तो नहीं ही है. मुलायम सिंह के राजनीतिक जीवन की शुरुआत विधायक के रूप में हुई. वे पहली बार 1967 में विधान सभा के सदस्य चुने गये और मंत्री बने. 1992 में उन्होंने समाजवादी की स्थापना की. मुलायम सिंह तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे. पहली बार 5 दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, दूसरी बार 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1996 तक और तीसरी बार 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक. वे केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं.
जब मुलायम ने पुलिस इंस्पेक्टर को पटका
यह बात 1960 की है. उस दौरान मैनपुरी के करहल जैन इंटर कॉलेज में एक कवि सम्मेलन चल रहा था, सम्मेलन के दौरान मशहूर कवि दामोदर स्वरूप विद्रोही ने अपनी कविता सुनानी शुरू की, तभी एक पुलिस इंस्पेक्टर ने उनसे माइक छीनकर कहा कि सरकार के खिलाफ कविताएं पढ़ना बंद करो. यह बात मुलायम को इतनी बुरी लगी कि उन्होंने मंच पर आकर इंस्पेक्टर को उठा कर पटक दिया. दरअसल कविता का शीर्षक ‘दिल्ली की गद्दी सावधान’ था.
पीएम पद की दौड़ में
मुलायम की जिन्दगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वे प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे. दरअसल 1996 में केंद्र में कांग्रेस को हराकर संयुक्त मोर्चा की सरकार बनी. उस समय एच. डी. देवगौड़ा प्रधानमंत्री थे. देवगौड़ा की सरकार में मुलायम रक्षा मंत्री थे. हालांकि यह सरकार लंबे समय तक नहीं चली. उस समय मुलायम के पीएम बनने की चर्चा जोरों पर थी.
जीवन परिचय
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को यूपी इटावा जिले के सैफई गांव में हुआ. उनकी माता का नाम मूर्ति देवी और पिता का नाम सुधर सिंह था. पिता सुधर सिंह तो मुलायम को पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन मुलायम पहलवान के साथ-साथ एक कुशल राजनेता भी बन गए. मुलायम सिंह ने दो शादियां की है. पहली पत्नी का नाम स्व. मालती देवी था, जबकि उनकी दूसरी पत्नी का नाम साधना गुप्ता हैं. अखिलेश की मां का नाम मालती था. 1 जनवरी 1971 को मुलायम अखिलेश यादव के पिता बने.
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