लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का समाजवादी पार्टी से निष्कासन वापस ले लिया गया है. इस बात की जानकारी शिवपाल ने ट्वीट करके दी है.
शिवपाल ने ट्वीट करके कहा, ‘नेताजी के आदेश अनुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है. सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और पुनः उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे.’
यह फैसला मुलायम के साथ आजम खान, अखिलेश यादव और शिवपाल की बैठक के तुरंत बाद लिया गया है. इस बैठक में अखिलेश ने मुलायम सिंह के सामने तीन शर्तें रखी थीं. ये हैं तीन शर्तें-
मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए
टिकट बंटवारे को लेकर मेरे पास सारे अधिकार रहें
रामगोपाल यादव की वापसी हो
शिवपाल ने कहा- सभी मिलकर टिकट का बंटवारा करेंगे
शिवपाल यादव ने निष्कासन वापस लेने की जानकारी देने के बाद कहा कि अब समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक हो गया है. उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारा सभी मिलकर करेंगे, सभी सीटों में बात की जाएगी और सभी मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे.
हालांकि रामगोपाल के निष्कासन को रद्द करने की शर्त तो मान ली गई है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.
क्या था मामला ?
बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट से नाराज अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों के भी नाम अलग से उम्मीदवार के तौर पर जारी कर दिए थे, जिसके बाद सीएम अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस भेज दिया था और बाद में दोनों को पार्टी से कल यानी शुक्रवार को 6 साल के लिए निकालने का फैसला लिया गया था.
दरअसल मुलायम सिंह ने जो जारी लिस्ट की थी उसमें शिवपाल की ही बात मानी गई थी और अखिलेश के कई करीबियों के नाम काट दिए गए थे. झगड़ा इसी बात को लेकर बढ़ गया. अखिलेश शुरू से ही मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद को टिकट देने के खिलाफ रहे हैं लेकिन पार्टी की आधिकारिक लिस्ट में इन दोनों का नाम था जबकि अखिलेश के करीबियों के नाम गायब थे.