स्थापना दिवस: 132 साल की हुई कांग्रेस, इतिहास के पन्नों में हैं कई किस्से

आज काग्रेस पार्टी ने 132 साल पूरे कर लिए हैं. आज ही के दिन साल 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई थी. इसकी स्थापना अंग्रेजी राज वाले ब्रिटिश इंडिया में हुई थी. भले ही आज कांग्रेस बीजेपी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन एक वक्त था जब वो देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी थी.

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स्थापना दिवस: 132 साल की हुई कांग्रेस, इतिहास के पन्नों में हैं कई किस्से

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  • December 28, 2016 6:15 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
नई दिल्ली. आज काग्रेस पार्टी ने 132 साल पूरे कर लिए हैं. आज ही के दिन साल 1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई थी. इसकी स्थापना अंग्रेजी राज वाले ब्रिटिश इंडिया में हुई थी. भले ही आज कांग्रेस बीजेपी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन एक वक्त था जब वो देश की सबसे बड़ी और शक्तिशाली पार्टी थी.
 
कांग्रेस पार्टी के इतिहास के पन्नों को पलटे तो इसकी स्थापना 1885 में मुंबई के गोकुल दास संस्कृत कॉलेज में अंग्रेज अफसर एलेन ऑक्टेव्यम ह्यूम ने की थी. इसके बाद अंग्रेज अफसर की मदद से गठित कांग्रेस के पहले अध्यक्ष व्योमेश चंद्र बनर्जी बने थे. भले ही यह पार्टी गुलाम भारत में अग्रेजों की मदद से बनाई गई थी लेकिन जैसे ही पार्टी को महात्मा गांधी का साथ मिला उसके बाद से पार्टी भारत को आजाद करने के लिए काफी योगदान दिए. 
 
 
भारत जब आजाद हुआ तब देश में एक ही पार्टी थी कांग्रेस और जवाहर लाल नेहरु देश के पहले प्रधानमंत्री बने. इस दौरान जब पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में उतरी तो उनका चुनाव चिन्ह बना दो बैलों की जोड़ी.
 
लेकिन नेहरु गांधी के निधन के बाद देश के अगले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री बने, लेकिन 1966 में ताशकंद में अचानक उनका निधन हो गया. इसके बाद देश की कमान जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी के हाथों में आ गई. 
 
 
इंदिरा गांधी की सत्ता के दौरान कई बार उठा-पटक हुई. लेकिन इसके बावजूद आखिरकार देश पर कई सालों तक कांग्रेस का वर्चस्व बना रहा. इंदिरा गांधी के निधन के बाद राजीव गांधी ने सत्ती संभाली, लेकिन उनकी भी हत्या कर दी गई. जिसके बाद पार्टी की कमान कांग्रेस परिवार की बहू सोनिया गांधी ने संभाली. फिलहाल सोनिया गांधी के अलावा उनके बेटे राहुल गांधी भी पार्टी की कमान संभाल हुए हैं. 
 
 
बता दें कि यूपीए ने 10 साल तक देश की सत्ता पर राज किया. इस दौरान सरकार पर कई घोटालों के आरोप भी लगे. अंत में 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सियासत की इस शतरंज के खेल में किला फतह कर सत्ता पर काबिज हो गई.
 
 

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