नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सेना के अभ्यास का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखकर सेना को राजनीतिक विवाद में घसीटे जाने पर दुख जताया. इधर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि अभी तक सीएम के पास रक्षा मंत्री की कोई चिट्ठी नहीं मिली है.
ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता के पास आने से पहले चिट्ठी लीक हो गई, अगर हमें चिट्ठी मिली तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा. हालांकि रक्षा मंत्राी की अभी तक ममता के पास कोई चिट्ठी नहीं मिली है. बता दें पर्रिकर ने चिट्ठी में कहा था कि आर्मी हर साल पूरे देश में इस तरह का अभ्यास करती है. ये पिछले साल यानी 2015 में भी ऐसा हुआ था और सेना को इस तरह राजनीति में घसीटना गलत है.
बता दें कि ममता बनर्जी ने कोलकाता के नबन्ना, दनकुनी और पलसित के टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती पर नाराजगी जताई थी. ममता ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को बिना किसी पूर्व सूचना के इस तरह सेना को तैनात किया जाना एक गंभीर मुद्दा है. राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं. उन्होंने इस तरह सेना की तैनाती को असंवैधानिक बताते हुए राष्ट्रपति से मोदी सरकार की शिकायत करने का मन भी बनाया है.
बीजेपी नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि पहले तो ममता ने फ्लाइट में तेल की कमी को मोदी सरकार पर डाल दिया अब सेना के अभ्यास को भी अपने उपर जोड़ लिया, नोटबंदी की वजह से ममता को इतना नुकसान हुआ है कि वह उसके बाद मानिसक संतुलन में नहीं हैं. राजनीतिक जानकार अंदाजा लगा रहे हैं कि आखिर क्यों ममता ने मोदी सरकार के खिलाफ इतना आक्रामक रुख अपना रखा है ? इसके पीछे आखिरकार सच्चाई क्या है ?