नई दिल्ली. नोटबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच संसद में लगातार हंगामा जारी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले को ‘मूर्खतापूर्ण’ बताया है और कहा इससे देश बर्बाद हो गया है.
वहीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लगातार प्रधानमंत्री मोेदी पर जमकर निशाना साध रही हैं. दूसरी ओर एक हकीकत यह है भी एटीएम और बैकों में लगीं कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.
सवाल इस बात क्या है जब इस फैसले के बाद इतनी दिक्कतें और विरोध होना तय था तो आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट बंद करने का फैसला कैसे कर लिया.
क्या हो सकता है प्रधानमंत्री मोदी का प्लान
1– बैकों में जमा रुपए से मोदी सरकार करोड़ों नौकरियां की संभावनाएं पैदा कर सकती है.
2- मध्यम और गरीब वर्ग के लोगों के लिए को सस्ता घर देने की तैयारी.
3- स्मार्ट सिटी में पैसा लगाने की तैयारी.
4- हर राज्य को विकास के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान
6- आत्महत्या कर रहे किसानों का कर्जा माफ.
7- झुग्गी-झोपड़ी और बेघरों को घर देने की तैयारी
8- सरकारी अस्पतालों और स्कूलों में सुधार का बड़ा पैकेज
9- किसानों की सिंचाई की समस्या के लिए पूरे देश में नहरों का जाल. नदियों को जोड़ने की परियोजना भी शामिल हो सकती है.
10- बड़े इन्फ्रास्ट्रक्टर प्रोजेक्ट में पैसा लगा कर मजदूर वर्ग के लिए रोजगार की बड़ी संभावनाएं
11- इंजीनियरिंग कॉलेज और विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान
12- आने वाले समय में सस्ते कर्ज का ऐलान, ताकि उद्योग धंधोें को बढ़ावा मिले.
13- स्किल इंडिया और मेक इन इंडिया में बड़े निवेश की तैयारी
तो क्या 2022 के आगे भी मोेदी को कोई नहीं हरा पाएगा
वैसे तो प्रधानमंत्री मोदी पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह 2019 का चुनाव भी वही जीतेंगे और 2022 तक प्रधानमंत्री बन रहेंगे. लेकिन जिस तरह से अंदाजा लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार नोटबंदी से इकट्ठा हुए पैसों को अगले दो साल इस तरह खर्च करने की तैयारी में है तो निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि यह बहुत बड़ बदलाव होगा जिसको 2019 के लोकसभा चुनाव में काट पाना विपक्ष के बूते का नहीं होगा.
कैसे पूरे होंगे यह प्लान
केंद्र सरकार के इस प्लान को वही राज्य पलीता लगा सकते हैं जहां बीजेपी की सरकार नहीं है. इस लिहाज से यूूपी, उत्तराखंड, पंजाब का चुनाव बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण होेगा.
हालांकि बिहार को छोड़कर असम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में बीजेपी की ही सरकार है. बिहार में भी नीतीश कुमार धीरे-धीरे बीजेपी की ओर ही खिसक रहे हैं.
इन राज्यों में केंद्र की योजनाएं लागू करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. वहीं बात करें दक्षिण भारत की तो कर्नाटक में इस बार बीजेपी की सरकार आ सकती है. तमिलनाडु में एआईएडीएमके को साधने में बीजेपी को ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी. केरल के मुख्यमंत्री विकास के मामले में कई बार मोेदी की तारीफ कर चुके हैं.
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