पटना: 500 और 1000 के नोट अचानक बंद करने के फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी का भले ही पूरे विपक्ष विरोध कर रहा है लेकिन उनके धुर विरोधी नीतीश कुमार समर्थन में खड़े हैं.
नीतीश कुमार के अप्रत्याशित समर्थन से बिहार में महागठबंधन का भी गणित गड़बड़ा सा गया है. हालांकि जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि उनके समर्थन का कोई और मतलब न निकाला जाए.
एनडीए में शामिल होने के राम विलास पासवान के न्योते पर बिहार के सीएम ने कहा कि कुछ नेता उनकी राजनीतिक हत्या कराना चाहते हैं उन्होने कहा कि वह नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं न कि बीजेपी का. लेकिन आपको बता दें कि नीतीश का समर्थन सिर्फ मुद्दे के आधार पर यह कहना ठीक न होगा इसके पीछे कई वजहें भी हैं.
क्या हो सकती है नीतीश के समर्थन की वजहें ? 1-
नीतीश कुमार लगातार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं. उनकी छवि अच्छे प्रशासक के तौर पर जानी जाती है. इसलिए वह बिहार में लोकप्रिय भी हैं. नोटबंदी का फैसला उनकी छवि से भी मेल खाता है. इसका समर्थन कर उन्होंने साबित किया है भ्रष्टचार के खिलाफ लड़ाई में वह किसी के भी साथ हैं.
2- नीतीश कुमार और उनकी टीम को इस बात का पूरी तरह अंदाजा हो गया होगा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस फैसले से भले ही आम जनता में अफरातफरी मची हो लेकिन संदेश यह भी है कि इस कदम से काला धन पूरी तरह समाप्त हो जाएगा.
3- नीतीश कुमार को लगा होगा कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ पूरे देश में गुस्सा है और इस फैसले का साथ देकर उनकी छवि ईमानदार नेता के तौर पर जानी जाएगी जो बीजेपी के साथ वैचारिक भिन्नता के बाद भी उस लड़ाई में साथ खड़े हुए.
4- कैशलेस इकोनॉमी के लिए केंद्र की ओर से बनने वाली मुख्यमंत्रियों की समिति में शामिल होने के लिए वित्त मंत्री जेटली ने उनको फोन भी किया है. हालांकि अभी तक नीतीश की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है.
5- जाली नोटों से बिहार की पुलिस भी काफी दिनों से जूझ रही थी. बिहार के कई इलाके नेपाल सीमा से सटे हैं जहां पर अभी तक बैंके नहीं पहुंच पाई हैं.
6- केंद्र सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि नोटबंदी के फैसले के बाद से बैंकों के पास अच्छा-खासा रुपया आ गया है. इसके बाद लोन की दरें सस्ती हो जाएंगी. नीतीश कुमार को लगा होगा कि बिहार में कल्याणकारी योजनाएं चलाने के लिए उनकी सरकार से सस्ती दर से लोन भी मिल सकता है.
7- नीतीश कुमार ने मांग की है इसके बाद केंद्र को बेनामी संपत्तियों के खिलाफ भी अभियान चलाना चाहिए. इससे सरकार के पास काफी जमीन आएगी और बिहार में बढ़ रहे प्रॉपर्टी के दाम भी काफी हद तक नीचे गिर जाएंगे.
8- बिहार के सीएम इस राज्य में शराब बंदी का अभियान चला रहे हैं. कालेधन के खिलाफ की गई कार्रवाई से इस अभियान को काफी सपोर्ट मिलेगा.
9- नीतीश कुमार की टीम मानना है कि जिन कंपनियों ने बिहार में इंन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए कांट्रेक्ट पर साइन किया है उनको अब आसानी से लोन मिल जाएगा और काम जल्दी पूरा जिससे राज्य की ग्रोथ में इजाफा होगा.
10- बिहार के सीएम का मानना है कि नोटबंदी से थोड़े समय के लिए मंदी आएगी, खेती पर भी असर पड़ेगा. इस दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए केंद्र बिहार में भी निवेश को बढ़ावा देगी.