नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया है और पहले ही दिन राज्यसभा में नोटबंदी पर जोरदार बहस भी हुई. इस बहस में हिस्सा लेते हुए बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) मायावती ने कहा कि नोटबंदी पर फैसला बिना तैयारी के लिए गया.
मायावती ने कहा कि पूरे देश में ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आर्थिक इमरजेंसी लग गई हो. देश के कोने-कोने में चाहे शहर हो या देहात भारत बंद जैसा माहौल लग रहा है. लोग परेशान हैं, कई लोगों की मौत भी हुई है. उन्होंने ने कहा कि नोटबंदी से अस्पतालों में भी लोगों का बुरा हाल है. किसानों के पास बीज खाद के पैसे नहीं है. उनकी फसलें इस फैसले की वजह से रुक गईं हैं.
उन्होंने कहा कि पुराने नोट बदलने के सरकार के फैसले का बसपा पूरी तरह समर्थन करती है लेकिन इन सबके लिए आसान प्रक्रिया अपनाई जाए, लोगों को इस फैसले से काफी दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र को आम लोगों की परेशानियों का ध्यान रखना चाहिए.
बसपा सुप्रीमो ने राज्यसभा में आगे कहा कि लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में बहुत दिक्कत आ रही है. मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 10 महीने तक गोपनीय तैयारी की थी तो देश में ऐसे हालात क्यों हुए. यह दावा केवल खोखला है, क्योंकि देशभर में त्राहि-त्राहि का माहौल बना हुआ है.
संसद के सत्र से पहले मीडिया से बात करते हुए मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी इस मामले में जेपीसी से जांच की मांग करती है. साथ ही उन्होंने इस बात का दावा भी किया कि उनकी पार्टी ने एक भी चंदा विदेश से नहीं लिया और साथ बसपा ने किसी भी बड़े उद्योगपति से भी चंदा के नाम पर कोई पैसा नहीं लिया. मायावती ने कहा कि ये बड़ा संवेदनशील मुद्दा है. उन्होंने मांग की कि पीएम मोदी को इस मुद्दे पर राज्यसभा में आकर बहस में भाग लेना चाहिए.
वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने राज्यसभा में कहा कि 500 और 1000 रुपए के नोट बैन होने से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगने वाली. केंद्र सरकार ने बड़े नोट बंद करने के पीछे एक तर्क यह भी दिया था कि इससे आतंकवादियों की फंडिंग पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों के बाद से इस मुद्दे पर कई बार बात भी कर चुके हैं. नोटबंदी से आतंकवाद की फंडिंग किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगेगी.