नई दिल्ली. 500 और 1000 के नोटों के अचानक बंद किए जाने के फैसले पर विपक्ष भले ही आक्रमक हो, इसका असर प्रधानमंत्री मोदी पर बिलकुल नहीं हो रहा है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से साफ कहा कि इस मुद्दे पर देश सरकार के साथ है.
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, और पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी में हुई बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में रक्षात्मक रुख अपनाने की जरूरत नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के नेताओं ने साफ फैसला कर लिया है कि विपक्ष कितना भी हो-हल्ला करने इस बड़े नोटों पर से प्रतिबंध बिलकुल नहीं हटाया जाएगा.
अध्यक्ष अमित शाह ने भी कहा कि ने भी पार्टी नेताओं से कहा कि नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, और वनरैंक पेंशन पर हमें विपक्ष को जोरदार जवाब देना है.
गौरतलब है कि इस मामले में प्रधानमंत्री खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं. गोवा में उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए लोगों से भावनात्मक अपील करते हुए था कि वह इस मुद्दे पर किसी भी नतीजे का सामना करने के लिए तैयार हैं.
गोवा में उन्होंने कहा ‘मुझे पता है कि कौन सी ताकतें मेरे खिलाफ हैं, हो सकता है कि वह मुझे जिंदा न रहने दें, वह मुझे बर्बाद कर सकते हैं क्योंकि मैं उनके 70 सालों की कमाई को लूट रहा हूं. इससे पहले उनका गला यह कहते हुए रुंध गया कि वह कुर्सी में बैठने के लिए पैदा नहीं हुए हैं. मैंने देश के लिए अपना घर-परिवार छोड़ा है.