नई दिल्ली. नोटबंदी को लेकर अब विपक्षी पार्टियां सरकार के खिलाफ लामबंद होने लगी हैं. दिल्ली में आज उस समय सबको हैरानी हुई जब ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इस मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में धुर विरोधी सीपीएम के नेताओं से भी हाथ मिलाए.
यह बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के ऑफिस में बुलाई गई थी जिसमें अचानक लिए गए नोटबंदी से आम जनता को हो रही दिक्कतों पर चर्चा की गई.
ममता बनर्जी ने की कोशिश से ही सभी विपक्षी दलों की बैठक हो पाई. जिसमें तय हुआ है कि संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को इस मुद्दे पर घेरा जाएगा.
टीएमसी के नेताओं ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि बुधवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है इस दिन कम से कम 100 सांसद संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक विरोध मार्च करेंगे और इस फैसले को वापस लेने की मांग करेंगे.
इतना ही नहीं रणनीति इस बात की भी बनाई जा रही है कि जब तक सरकार इस फैसले पर चर्चा नहीं करती है तब तक संसद के दोनों सदनों को नहीं चलने दिया जाएगा. आपको बता दें कि इस बैठक में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेताओं ने हिस्सा नहीं लिया.
आपको बता दें कि नोटबंदी के विरोध में ममता बनर्जी ने ऐलान किया था कि केंद्र में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए वह सीपीएम से भी हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं.
हालांकि सीपीएम की ओर से ममता के इस बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई. वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मुद्दे पर विधानसभा का आपात सत्र बुलाया है.