नई दिल्ली. काले धन और जाली नोटों के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 के नोट बंद करने के फैसले का कई लोग विरोध कर रहे हैं तो वहीं समर्थन भी मिल रहा है.
लेकिन अगर बात करें नेताओं और इस मामले से जुड़ी सियासत तो कई नेता इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले के बाद होने वाली तकलीफों का ध्यान नहीं रखा है. जिसकी वजह से पूरे देश में अफरातफरी का माहौल हो गया है.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले का जोर-शोर से विरोध किया है. लोगों की तकलीफ जानने के लिए वह एटीएम के सामने लाइन में लगे नोटों तक पहुंच गए और उनकी तकलीफों को जानने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि वह गरीब जनता की तकलीफों को जानने आए हैं. राहुल ने कहा कि यह सूटबूट की सरकार है इस सरकार को आम जनता की तकलीफों से कई मतलब नहीं है.
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को कम से कम एक हफ्ते का वक्त देना चाहिए था जिससे आम जनता को तकलीफ न होती. उन्होंने कहा कि वह हमेशा कालेधन के खिलाफ रहे हैं. लेकिन सरकार के इस फैसले से आम जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बसपा सुप्रीमो मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने नोट बंद करने के फैसले को आर्थिक आपातकाल बताया. उन्होंने कहा बीजेपी ने अपना और अपने सहयोगियों का पैसा पहले ही बैंकों में जमा कर दिया. बीजेपी ने अगले 100 सालों के लिए पैसा इक्ट्ठा कर लिया है. यूपी चुनाव आने से पहले मोदी सरकार ने आर्थिक आपातकाल के स्थिति पैदा कर दी है ताकि ढाई साल की नाकामियों को छिपाया जा सके. देश के 90 फीसद लोग फैसले से दुखी हैं.
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने ट्वीट कर कहा कि इसके बाद भी अगर लोगों के खाते में 15 लाख नहीं आता है तो इसका मतलब यह ‘फर्जिकल स्ट्राइक’ था और आम जनता का ‘फेक एन्काउंटर’.
टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी
बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमएसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी केंद्र के इस फैसला का विरोध किया है. वह इस फैसले से इतना नाराज हो गईं कि राज्य में धुर विरोधी सीपीएम से भी हाथ हो मिलाने को राजी हैं.
‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर घोटाले का आरोप लगा दिया. केजरीवाल ने कहा कि बड़े नोट बंदी की आड़ में केंद्र सरकार ने महा घोटाला किया है. जिसके उनके पास सबूत हैं. साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 8 नवंबर को ऐलान से पहले पीएम ने अपने दोस्तों और बीजेपी के लोगों को इसके बारे में जानकारी दे दी थी और उनके काले धन को सफेद किया जा चुका है.