कोलकाता. मोदी सरकार के 500-1000 के नोट बंद करने के बाद देश की राजनीति में एक भूचाला सा आ गया है. पहले समाजवादी परिवार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विरोध किया और अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरा है.
उन्होंने यहां तक कह दिया कि सीपीएम के साथ भले ही उनकी पार्टी के वैचारिक मतभेद हैं, लेकिन वह नोटबंदी के खिलाफ वे इसके साथ भी हाथ मिल सकतीं हैं. ममता के इस बयान के बाद देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के कान खड़े हो गए हैं, क्योंकि कट्टर विरोधी पार्टी के साथ जाने का ममता का फैसला वाकई चौंकाने वाला है.
ममता ने आज अपने एक बयाने में कहा, ‘भले ही ‘सीपीआई (एम) के साथ भले ही हमारे वैचारिक मतभेद हों, लेकिन देश को बचाने के लिए हम उनके साथ और कांग्रेस, एसपी, बीएसपी के लिए साथ भी काम करने को तैयार हैं.’
तानाशाह है मोदी सरकार
वहीं ममता ने नोटबंदी को मोदी सरकार का तानाशाही रवैया बताया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता-विरोधी और गरीब विरोधी है. ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है. मोदी सरकार का यह फैसला जनता के साथ धोखा है.
ममता ने कहा कि सरकार को अपने इस फैसले वापस लेना चाहिए. इस समय देश में कई लाख एटीएम बंद हैं, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. लोगों को कुछ लोगों के कारण बाकी लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है.