माइन्स एंड मिनरल्स बिल आज राज्यसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद पारित हो गया. आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियां, खासकर कांग्रेस इस विधेयक को संबधित प्रवर समिति के पास भेजने की मांग कर रही थी. विधेयक के पक्ष में 117 सदस्यों ने और विपक्ष में 69 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक पर वोटिंग के दौरान जेडीयू ने सदन से वॉकआउट किया.
नई दिल्ली. माइन्स एंड मिनरल्स बिल आज राज्यसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद पारित हो गया. आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियां, खासकर कांग्रेस इस विधेयक को संबधित प्रवर समिति के पास भेजने की मांग कर रही थी. विधेयक के पक्ष में 117 सदस्यों ने और विपक्ष में 69 सदस्यों ने मतदान किया. विधेयक पर वोटिंग के दौरान जेडीयू ने सदन से वॉकआउट किया.
विधेयक पर राष्ट्रपति का हस्ताक्षर हो जाने के बाद यह खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन अध्यादेश-2015 की जगह लेगा. अध्यादेश 12 जनवरी, 2015 को लाया गया था. विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है. जबकि सरकार के इस महत्वाकांक्षी बिल का टीएमसी, बीएसपी, बीजेडी, एनसीपी, जेएमएम, एसपी और एआईएडीएमके ने समर्थन किया. वहीं, जेडीयू ने वोटिंग के दौरान वॉकआउट किया.
खनिज और खदान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2015 में खनिजों के आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए खदानों की नीलामी की प्रणाली पेश की गई है. विपक्ष के विरोध के कारण विधेयक गुरुवार को सदन में पारित नहीं कराया जा सका था. विपक्ष का कहना था कि खनिज संपदा संपन्न राज्यों से विधेयक बनाने में सलाह नहीं ली गई. विपक्ष की मांग थी कि प्रवर समिति इस पर दोबारा विचार करे.