लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां भी नए-नए दांव आजमा रही हैं. जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की आज से चुनावी रथ यात्रा शुरू है तो वहीं अब बीजेपी भी 5 नवंबर से परिवर्तन यात्रा शुरू करने जा रही है, लेकिन इस यात्रा के रथ से यूपी के सीएम पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे योगी आदित्यनाथ, वरुण गांधी, स्मृति इरानी और डॉ महेश शर्मा के चेहरे गायब हैं.
जी हां, बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की जंग जीतने के लिए इस परिवर्तन यात्रा में राजनाथ सिंह, कलराज मिश्र, उमा भारती और केशव मौर्य के चेहरों को इस्तेमाल करने का फैसला किया है. बीजेपी के रथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तस्वीरों के साथ-साथ इन्हीं चार नेताओं की तस्वीरें लगाई गई हैं.
क्या इनमें से ही कोई होगा सीएम पद का उम्मीदवार
हालांकि बीजेपी ने फैसला किया है कि चुनाव के बाद ही यह तय किया जाएगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी पर कौनसा नेता विराजमान होगा, लेकिन इन चार नेताओं के चेहरों का परिवर्तन यात्रा में इस्तेमाल किए जाने पर यही कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो इन्हीं चार नेताओं में से किसी को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में इन चेहरों के अलावा बीजेपी के पास कोई भी बड़ा चेहरा नहीं है.
कोई भी दलित चेहरा नहीं
इसके अलावा दलित मुद्दा जो भारत की राजनीति का अहम हिस्सा बनता जा रहा है वह भी बहुत महत्वपूर्ण है. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस परिवर्तन यात्रा के लिए इस्तेमाल किए जा रहे चेहरों में से एक भी दलित नेता का चेहरा नहीं है. परिवर्तन यात्रा में एक भी दलित नेता को सामने ना लाने पर बीजेपी को कड़े सवालों का सामना करना पड़ सकता है.