संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं की मांग को सरकार मंजूरी दे सकती है. 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से इस सरकार के ऊपर माननीयों के सैलरी बढ़ाने का काफी दबाव है.
नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र में सांसदों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं की मांग को सरकार मंजूरी दे सकती है. 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से इस सरकार के ऊपर माननीयों के सैलरी बढ़ाने का काफी दबाव है.
इस मामले में गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति ने पहले भी अपनी सिफारिश सरकार को दी थी लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहकर आपत्ति जताई थी कि सांसद अपनी ही सैलरी खुद कैसे बढ़ा सकते हैं.
प्रधानमंत्री के इस सवाल पर मानसून सत्र में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. लेकिन सरकार की ओर से संकेत दिए जा रहे हैं कि अब इस पर फिर से विचार किया जा रहा है.
दरअसल 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद से सांसदों की सैलरी सचिवों से भी कम हो गई है. इसके बाद से सांसदों ने मांग की थी कम से कम उनकी सैलरी मताहत काम करने वाले अधिकारियों से ज्यादा कर दी जाए.
अब माना जा रहा है कि सरकार सांसदों की सैलरी सचिवों से 5 हजार रुपए ज्यादा कर देगी इसके साथ मिललने वाली अन्य सुविधाएं, भत्तों में इजाफा किया जाएगा.
संयुक्त संसदीय समिति का गठन
संसद के शीतकालीन सत्र में ये मामला संसद के सामने लाने की तैयारी की जा रही है. जिसको लेकर संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया गया है. जिसमें लोकसभा के 10 और राज्यसभा के 5 सांसद हैं. इसके अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ हैं. 26 अक्टूबर को इस समिति की पहली बैठक हो चुकी है.