सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित करने की सरकार की कवायद पर सवाल उठाते हुए कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कोई विचार नहीं है और वे नौटंकी से अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने ट्विटर ने पर कहा, 'भारत सरकार द्वारा सामूहिक योग कार्यक्रम का तर्क समझ में नहीं आता? मोदी के पास विचार नहीं है और इस तरह की नौटंकी से अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं.'
नई दिल्ली. सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित करने की सरकार की कवायद पर सवाल उठाते हुए कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास कोई विचार नहीं है और वे नौटंकी से अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं. दिग्विजय सिंह ने ट्विटर ने पर कहा, ‘भारत सरकार द्वारा सामूहिक योग कार्यक्रम का तर्क समझ में नहीं आता? मोदी के पास विचार नहीं है और इस तरह की नौटंकी से अपनी नाकामियों को छिपाना चाहते हैं.’
Don't understand the logic of mass yoga events by GOI ? Modi running out of ideas and camouflaging his failures by such नौटंकी
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 10, 2015
दिग्विजय ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए वह योग की सिफारिश करते हैं पर उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि आखिर इसे धार्मिक राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ’40 साल से ध्यान प्रणायाम योग कर रहा हूं. अच्छे स्वास्थ्य के लिए मैं इसकी जोरदार हिमायत करता हूं, लेकिन समझ नहीं आता कि आखिर इसे धार्मिक-राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है ?’ भाजपा नेतृत्व वाली राजग सरकार ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर राजपथ पर एक बड़ा आयोजन करने की योजना बनाई है.
Doing Yoga Dhyan Pranayam since 40 yrs. I strongly recommend for good health. Don't understand why it is being made religio political issue?
— digvijaya singh (@digvijaya_28) June 10, 2015
बहरहाल, इस मुद्दे पर उस समय विवाद उत्पन्न हो गया जब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई अल्पसंख्यक संगठनों ने स्कूलों में अनिवार्य योग क्लास का विरोध किया। इसके बाद सरकार को कल सफाई देनी पड़ी कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सेदारी ‘अनिवार्य’ नहीं है.
IANS से भी इनपुट