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UP Election 2017 : मुलायम के दूत बनकर शरद यादव से मिले शिवपाल, बिहार की तरह महागठबंधन बनाने की तैयारी

दिलचस्प बात ये है कि अखिलेश यादव जहां अकेले चुनाव लड़ना चाहते हैं वहीं जेडीयू और अजीत सिंह गठबंधन बनाकर चुनाव में जाना चाहते हैं.

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  • October 27, 2016 6:50 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
लखनऊ. समाजवादी ‘कुनबे’ में मचे घमासान के बीच सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अब उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसकी जिम्मेदारी यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को सौंपी गई है.
 
दिल्ली पहुंचे शिवपाल यादव ने जनता दल युनाइटेड के नेता शरद यादव से मुलाकात भी कर ली है.
 
दरअसल, समाजवादी पार्टी के स्थापना के 25 साल पूरे होने पर अगले हफ्ते लखनऊ में एक बड़ा कार्यक्रम किया जाएगा. शिवपाल को कहा गया है कि सभी पुराने समाजवादी नेताओं से मिलकर इस कार्यक्रम में आने का न्योता दें. जिनमें जेडीयू के शरद यादव, राष्ट्रीय लोकगदल के अजित सिंह प्रमुख हैं.
 
दिल्ली  आने से एक दिन पहले ही शिवपाल यादव ने कहा था कि सांप्रदायिक ताकतों से निपटने के लिए लोहिया, चौधरी चरण सिंह और गांधी के अनुनायियों को एक साथ आ जाना चाहिए. उन्होंने उम्मीद जताई थी कि यूपी चुनाव में महागठबंधन बनाया जा सकता है.
 
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन बनाया गया था जिसे नीतीश कुमार के नेतृत्व में भारी जीत मिली थी. हालांकि चुनाव से ऐन पहले मुलाय सिंह यादव ने इस गठबंधन से बाहर होने का फैसला किया था.
 
इसे मुलायम सिंह यादव की सबसे बड़ी राजनीतिक भूल कहा गया था और उस समय भी शिवपाल यादव ने इस फैसले के पीछे अपने चचेरे भाई और तब पार्टी के महासचिव प्रो.रामगोपाल यादव को दोषी ठहराया था.
 
वहीं बुधवार को भी शिवपाल ने कहा कि बिहार चुनाव से पहले सभी पार्टियों गठबंधन के लिए एक साथ ले आए थे. लेकिन रामगोपाल यादव ने सारे प्लान बर्बाद कर दिया.
 
आपको बता दें कि पिछले 15 दिनों के अंदर यादव परिवार में हुई कलह के बाद समाजवादी पार्टी की छवि को चुनाव से पहले गहरा धक्का लगा है. इस घमासान में प्रो.रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है जो कि खुलकर सीएम अखिलेश यादव का साथ दे रहे थे.
 
वहीं अखिलेश के मंत्रिमंडल में शामिल वनराज्य मंत्री पवन पांडेय को भी पार्टी से निकाल दिया गया है जिनके ऊपर एमएलसी आशु मलिक के साथ मारपीट का आरोप है.
 
अब देखने वाली बात होगी यह होगी कि जहां अखिलेश यादव चुनावी मैदान में अकेले आने को तैयार हैं तो ऐसे हालात में चौधरी अजीत सिंह, शरद यादव और नीतीश कुमार महागठबंधन बनाने की बात कितनी मानेंगे.  
 
 

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