नई दिल्ली. दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में वर्ष 2015-16 की कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) रिपोर्ट पेश नहीं करने पर विपक्ष ने सदन में हंगामा कर दिया. विरोध जताते हुए विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.
सदन में हंगामा तब शुरू हुआ जब प्रश्नकाल खत्म होने के बाद मंत्री सत्येंद्र जैन सदन के पटल पर विद्युत उत्पादन कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट पेश करने लगे. उसी दौरान विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता सरकार से वर्ष 2015-16 की कैग रिपोर्ट सदन पटल पर रखने की मांग करने लगे। इस पर आप विधायकों ने जमकर उनका विरोध किया.
विधानसभा अध्यक्ष ने नेता विपक्ष को बार-बार सीट पर बैठने तथा नियम के तहत चर्चा करने के लिए कहा. इस पर विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट को सदन के पटल पर न रखना असंवैधानिक प्रक्रिया है. सरकार रिपोर्ट को दबा रही है.
इस बीच उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सदन में पहुंचे और उन्होंने कहा कि जिस कैग रिपोर्ट की बात विपक्ष के नेता कर रहे हैं, वह आई ही नहीं है. जब आएगी तो जरूर सदन में रखेंगे.
कैग रिपोर्ट पर खुलासा
कुछ दिन पहले कैग रिपोर्ट में दी गई सूचनाओं के बारे में अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ ने खुलासा किया था. रिपोर्ट में विज्ञापनों पर पिछले साल के मुकाबले बहुत अधिक खर्च होने और दिल्ली से बाहर भी बड़ी संख्या में विज्ञापन देने की बात सामने आई है.
कैग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार ने एक विज्ञापन अभियान पर ही 33.4 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसका 85 फीसदी हिस्सा दिल्ली के बाहर खर्च किया गया है। इसके अलावा लक्षित दर्शक पता करने के लिए भी कोई तरीका नहीं अपनाया गया है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ‘शब्दार्थ’, जिसे विज्ञापनों के खर्च में किफायत बरतने के लक्ष्य से बनाया गया था, वह इसे पूरा नहीं कर पाया है. साथ ही विज्ञापन और प्रचार पर किए गए खर्चे और देयताओं की सटीकता का भी कोई भरोसा नहीं है.
रिपोर्ट में यह भी ब्यौरा है कि आप पार्टी का पहला साल पूरा होने पर देशभर में दिए गए विज्ञापनों पर 18.47 करोड़ रुपये खर्च किए गए. फरवरी में 26 राष्ट्रीय अखबारों में विज्ञापन पर 14.5 करोड़ रुपये खर्च हुए. इसमें से दिल्ली के अखबारों में 2.5 करोड़ और दिल्ली से बाहर 12 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए गए.