पटना. बिहार विधानसभा से सोमवार को ‘बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद विधेयक, 2016’ पास होने के बाद राज्य में किसी के घर में शराब मिलने पर उस परिवार के सारे व्यस्क सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष द्वारा इस प्रावधान के विरोध पर बचाव में कहा कि राज्य को शराबमुक्त करने के लिए कड़ा कानून जरूरी है.
विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेता नंद किशोर यादव ने दो संशोधन प्रस्ताव रखे लेकिन वोटिंग में दोनों प्रस्ताव गिर गए. नंदकिशोर यादव ने राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब कारखानों का लाइसेंस रेन्यू करने और शराब मिलने पर परिवार के सारे बालिग सदस्यों पर मुकदमा चलाने के खिलाफ प्रस्ताव रखा था. दोनों प्रस्ताव क्रमशः 150 बनाम 46 और 153 बनाम 45 से खारिज हो गए. विधानसभा ने विधेयक को बिना किसी संशोधन के विपक्ष के बहिष्कार के बीच पास कर दिया.
सदन में विपक्ष के आरोप और संशोधन प्रस्तावों पर बोलते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी कड़ाई से लागू होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग पिए बिना नहीं रह सकते वो बिहार छोड़कर जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को लेकर उनकी कुर्सी जाए या राजनीति चौपट हो जाए या फिर जान चली जाए, वो ना समझौता करेंगे और ना वापस लौटेंगे.
शराब मिलने पर घर के सारे बालिग सदस्यों पर मुकदमा के प्रावधान का बचाव करते हुए नीतीश ने कहा कि 1 अप्रैल से लागू शराबबंदी के अनुभव के आधार पर कानून में कुछ प्रावधान जोड़े गए हैं जिनका लक्ष्य राज्य को पूरी तरह शराबमुक्त करना है. ताड़ी पर पारंपरिक छूट तभी तक रहेगी जब तक सरकार नीरा का उत्पादन न शुरू कर दे.
उन्होंने कहा, “घर में शराब मिलता है तो हर आदमी कहने लगता है कि नहीं पता कि ये कहां से आया. किसी ने नहीं लाया तो क्या आकाश से शराब की बोतल घर में आ गिरी. जब पूरे परिवार पर केस का खतरा होगा तो घर की महिलाएं, बच्चे और बेटियां घर में किसी को किसी भी सूरत में शराब लाने या रखने नहीं देगे.”
नीतीश ने कहा कि बाहर नौकरी करने वाले या हॉस्टल में पढ़ाई करने वाले लोगों को घर में शराब मिलने पर नहीं पकड़ा जाएगा, ये प्रावधान है इसमें. उन्होंने कहा कि महिला पर केस हो भी जाएगा तो दोषमुक्त होने में उनको कितना समय लगेगा. उन्होंने कहा कि कड़ा जरूरी है ताकि घर-परिवार के लोग ही किसी दूसरे सदस्य को घर में शराब लाने या रखने नहीं दें.
उन्होंने कहा कि कानून का दुरुपयोग न हो इसके लिए पुलिस या उत्पाद विभाग के अधिकारियों को लोगों को गलत फंसाने पर 3 महीने की सज़ा को बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है और जुर्माना भी 1 लाख कर दिया गया है. ऐसे लोगों की सबसे पहले नौकरी जाएगी और फिर बाकी सज़ा होगी.
बिहार में चल रहे शराब कारखानों का लाइसेंस रेन्यू करने के सवाल पर नीतीश ने कहा कि अगर सरकार कारखाने बंद करने कहेगी तो कंपनियां हर्जाना मांगेंगी इसलिए हम लाइसेंस रेन्यू करेंगे लेकिन वो खुद ही बंद करके चले जाएंगे क्योंकि उनकी सरकार सीधे राज्य से बाहर जाएगी.
बिहार में क्या-क्या है सज़ा शराबबंदी कानून तोड़ने पर
शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर उम्रकैद से लेकर मौत की सज़ा तक का प्रावधान है. अगर जहरीली शराब से किसी की मौत होती है तो बेचने वाले और बनाने वाले को मौत की सजा तक हो सकती है. अवैध शराब से कोई अपंग होता है तो बेचने वाले और बनाने वाले को मौत की सज़ा तक हो सकती है. शराब पीने या घर में शराब मिलने पर 10 साल तक की सज़ा हो सकती है.
केंद्र सरकार ने कहा, देश भर में शराबबंदी का कोई इरादा नहीं
संसद में जेडीयू के कौशलेंद्र कुमार के सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि पूरे देश में शराबबंदी लागू करने का केंद्र सरकार का कोई इरादा नहीं ंहै. अहीर ने कहा कि गुजरात या बिहार की तरह कोई और राज्य अपने यहां शराबबंदी को लागू करता है तो केंद्र सहयोग करेगा.