नई दिल्ली. गुजरात में दलितों के उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने राज्यसभा में हंगामा किया. कांग्रेसी सांसदों और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच गुजरात में दलित युवकों की पिटाई के मुद्दे पर सबसे पहले बोलने की होड़ दिखी. उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस की डेरेक ओ ब्रायन ने गुजरात में दलितों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि गुजरात में दलितों का दमन किया जा रहा है और यहां इस मुद्दे पर चर्चा तक नहीं हो रही है.
इसी बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों ने भी यह मुद्दा उठाया. सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी बात रखने की अनुमति मांगी. कुरियन ने उन्हें बोलने की अनुमति दी. बसपा प्रमुख मायावती अपनी बात पहले रखना चाहती थीं. कुरियन ने कहा कि उन्होंने आजाद को बोलने की अनुमति दी है इसीलिए वह अपना पक्ष पहले रखें और फिर मायावती अपनी बात कहें.
मायावती नहीं मानीं और उन्होंने व्यवस्था का प्रश्न उठाया. तब कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जानना चाहा कि बसपा प्रमुख ने किस नियम के तहत व्यवस्था का प्रश्न उठाया है. कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि विपक्ष के नेता को पहले बोलने की अनुमति देनी चाहिए. इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस, बीजद, कांग्रेस और जदयू के सदस्य के सदस्य आसन के समक्ष आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए.