प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार की पहली सालगिरह की पूर्वसंध्या पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में आयोजित जनकल्याण रैली को संबोधित करते हुए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने लोगों से पूछा कि बीजेपी सरकार बनने के बाद बुरे दिन गए या नहीं? आगे कहा, 'अब जिनके बुरे दिन आए हैं, वे चीख रहे हैं और चिल्ला रहे हैं। जिनके बुरे दिन अब आए हैं, उनके अच्छे दिन आने की अब कोई गारंटी नहीं है.'
मथुरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपनी सरकार की पहली सालगिरह की पूर्वसंध्या पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के गांव नगला चंद्रभान में आयोजित जनकल्याण रैली को संबोधित करते हुए पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा हमला किया. उन्होंने लोगों से पूछा कि बीजेपी सरकार बनने के बाद बुरे दिन गए या नहीं? आगे कहा, ‘अब जिनके बुरे दिन आए हैं, वे चीख रहे हैं और चिल्ला रहे हैं। जिनके बुरे दिन अब आए हैं, उनके अच्छे दिन आने की अब कोई गारंटी नहीं है.’
‘अच्छे दिन आने’ के मोदी सरकार के दावे की कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचनाओं के पलटवार में मोदी ने कहा, ‘जिनके बुरे दिन आए हैं, उन्हें चीखने चिल्लाने दीजिए. उन्हें तो चीखना ही है, उनकी परेशानियां मैं समझता हूं. और हम ऐसा करेंगे कि बुरा करने वालों के और बुरे दिन आएंगे. बुरा करने वालों के सारे बुरे कारनामे बंद होकर रहेंगे और देश को हम नई उंचाइयों पर ले जाएंगे.’ मोदी ने कहा कि ब्रज की भूमि के कण-कण में श्रीकृष्ण का वास है. सरकार चाहती तो एक वर्ष पूरा होने का जश्न किसी भी दिल्ली जैसे बड़े शहर में कर सकती थी, लेकिन इसके लिए मथुरा को चुना गया.
उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, गांधी और लोहिया को अपना प्रेरणास्रोत बताया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन तीन महापुरुषों ने देश की राजनीति में अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने इन्हें भारतीय राजनीति का मार्गदर्शक बताया. यूपीए सरकार पर सवाल उठाते हुए मोदी ने अपने संबोधन में यूपीए को घोटालों की सरकार बताया. उन्होंने कहा कि अगर यह यूपीए सरकार एक वर्ष और रह गई होती और उसकी जगह नई सरकार नहीं चुनी होती, तो यह परिवर्तन नहीं आता. उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष के शासनकाल में किसी तरह के घोटाले की खबर किसी ने नहीं सुनी होगी, जबकि यूपीए सरकार में यह बेहद आम बात थी. उन्होंने देश की राजनीति में बदलाव लाने के लिए लोगों का शुक्रिया भी अदा किया.
पीएम मोदी ने कांग्रेस को परिवारवाद की राजनीति करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि देश की जनता ने बीजेपी को पूर्ण बहुमत दिलाकर परिवारवाद की राजनीति को जड़ से उखाड़ फेंका. उन्होंने अपने खास अंदाज में लोगों से सवाल किया, ‘पिछले एक साल में कहीं से घोटाले की कोई खबर आई क्या, भाई भतीजावाद की खबर आई क्या, रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने की खबर आई क्या, किसी नेता के दामाद या बेटे का कोई किस्सा कहानी हुई क्या? बुरे दिन गए कि नहीं? लूट का जमाना गया कि नहीं?’
मोदी ने कहा, ‘चुनाव के बाद मैंने वादा किया था कि मैं प्रधानमंत्री नहीं, प्रधान संतरी बनूंगा। और तिजोरी पर किसी पंजे को नहीं पड़ने दूंगा. मैंने यह वादा निभाया कि नहीं, लूट का खेल बंद कराया या नहीं?’ मोदी ने कहा, ‘इन दिनों कुछ लोग काफी परेशान हैं, उनकी परेशानी यह है कि सभी लोगों के अच्छे दिन आए लेकिन उनके लिए बुरे दिन आ गए. मैंने वर्षों से देश को लूट रहे लोगों के अच्छे दिन आने की गारंटी नहीं दी थी. हम देश को इस तरह से चलाएंगे कि उनके लिए और बुरे दिन आएंगे और उनकी मुश्किलें बढ़ेंगी. आपका पैसा अब कोई नहीं लूट सकेगा.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ये लोग चीख चिल्ला रहे हैं, क्योंकि 60 सालों से दिल्ली के सत्ता के गलियारों में उनकी आवाज गूंजती थी और दिल्ली में पॉवर सेंटर से ज्यादा पॉवर सर्किल का बोलबाला था. अभिमन्यु को आठ घेरे तोड़ने थे, लेकिन यहां तो सत्ता के ऐसे सैकड़ों घेरे थे. आपके आशीर्वाद से सत्ता के ऐसे सैकड़ों घेरों को नष्ट कर दिया गया है. अब सत्ता के गलियारों में दलालों का कोई स्थान नहीं है. इसलिए वे और चीख चिल्ला रहे हैं. उनके तो और बुरे दिन आयेंगे.. मैं अब प्रधान संतरी हूं, देश की सम्पत्ति को लूटने नहीं दिया जायेगा.’ उन्होंने कहा कि पिछले 365 दिनों में हमने बुरे दिनों, बुरी नीयत, बुरे कामों, बुरे कारनामों से मुक्ति दिलाने का काम किया है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के उस वक्तव्य का मोदी ने उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि एक रुपये में से 85 पैसे लूट लिए जाते थे. प्रधानमंत्री मंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि 100 से 100 पैसे लोगों तक जाएं और दलाल एक पैसा भी लूटने नहीं पाएं. प्रधानमंत्री ने दावा किया कि अगर यूपीए सरकार की जगह यह नयी सरकार नहीं चुनी गई होती और एक साल अगर वही सरकार रह जाती तब यह परिवर्तन नहीं आता. उन्होंने कहा, ‘इतने बुरे दिन, कितने बुरे कर्म और कितनी अधिक बुराइयों का माहौल था और तब देश की जनता ने इस माहौल को बदलने और परिवर्तन लाने का फैसला किया.’
पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर प्रहार जारी रखते हुए मोदी ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने कोयला की खदानें अपने चहेतों को कैड़ियों के दाम बेचीं, जबकि हमने एक साल के भीतर केवल 29 कोयला खदानें आवंटित करके तीन लाख करोड़ अर्जित किए. लूटने वालों के दिन खत्म हुए या नहीं, अपने चहेतों को खदान देने के दिन खत्म हुए या नहीं?’
अपनी सरकार को गरीबों के लिए समर्पित बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बदलने के जनता के फैसले के कारण उनकी सरकार सुशासन देने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है और जो यह चमत्कार, परिवर्तन और विश्वास दिख रहा है, वह जनता के इसी फैसले के कारण है. किसानों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 60 वर्षों में 3 लाख किसानों ने आत्महत्या की. 3 लाख मरे या एक किसान मरे, सरकार किसी की भी हो, हमें राजनीति नहीं करनी है. आरोप प्रत्यारोप नहीं करना है। हमें मिलकर समस्या का हल निकालना है।
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में किसान मृदा स्वास्थ्य कार्ड, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, बूंद बूंद पानी का उपयोग, माइक्रो इरिगेशन योजना आदि का जिक्र किया. यूरिया की कालाबाजारी और उद्योगों में इसके चोरी से उपयोग पर लगाम लगाने का दावा करते हुए मोदी ने कहा कि यूरिया पर नीम की परत चढ़ाने से अब इसका खेती के अलावा अन्य काम में उपयोग नहीं होगा और इसकी चोरी रुकेगी. उन्होंने कहा कि जनधन योजना से मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत गरीबों को मिलने वाला धन अब बिचौलिए लूट नहीं पाएंगे और यह सीधे उनके खाते में जाएगा. उन्होंने कहा कि रसोई गैस की सब्सिडी की चोरी रोकने के लिए सरकार ने इसे सीधे बैंक खातों में डालना शुरू कर दिया है. ऐसा नहीं होने के कारण पहले रसोई गैस के सिलिंडरों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी होती थी.
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार नदियों को जोड़ने, पानी को व्यर्थ बह जाने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और दावा किया कि उनकी सरकार पांच साल के भीतर देश के हर किसान को 24 घंटे बिजली मुहैया कराएगी. अमीरों और उद्योगपतियों की ‘सूट-बूट की सरकार’ की विपक्ष की आलोचनाओं को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा बीमा, अटल पेंशन योजना गरीबों के लिए बनाई गई योजनाएं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने छोटे-छोटे कारोबारियों को कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए मुद्रा बैंक बनाया है. उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगपति नहीं, छोटे कारोबारी ही हैं, जो सबसे अधिक रोजगार मुहैया कराते हैं.
अपनी सरकार की पहली सालगिरह के अवसर पर उन्होंने विवादस्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक का कोई जिक्र नहीं किया और एक रैंक, एक पेंशन के बारे में भी कुछ नहीं बोले. इसके अलावा महंगाई पर उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने इसे काबू करने में सफलता पाई है और साथ ही कहा, ‘आपने अगर यह सरकार नहीं बनाई होती तब महंगाई पता नहीं कहां तक जाती.’ गौरतलब है कि केंद्र सरकार के एक वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में इस रैली का आयोजन किया गया है. भाजपा ने इसे ‘जनकल्याण पर्व’ नाम दिया है. उत्तर प्रदेश में अब केंद्रीय मंत्रियों की रैलियां होंगी। सोमवार को प्रधानमंत्री ने रैली श्रृंखला की शुरुआत की है.
IANS