आने वाले दिनों में मोदी सरकार की 25 चुनौतियां

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने एक साल पूरे कर लिए हैं. विश्लेषकों की नजर में आने वाले दिनों में मोदी सरकार के सामने ये हैं 25 बड़ी चुनौतियां. 1. भूमि अधिग्रहण का मुद्दा। राजनीतिक पार्टियों में सहमति की कमी से निवेश निरुत्साहित. 2. वित्तीय घाटे को जल्द-से-जल्द तीन फीसदी […]

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आने वाले दिनों में मोदी सरकार की 25 चुनौतियां

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  • May 25, 2015 2:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने एक साल पूरे कर लिए हैं. विश्लेषकों की नजर में आने वाले दिनों में मोदी सरकार के सामने ये हैं 25 बड़ी चुनौतियां.

1. भूमि अधिग्रहण का मुद्दा। राजनीतिक पार्टियों में सहमति की कमी से निवेश निरुत्साहित.
2. वित्तीय घाटे को जल्द-से-जल्द तीन फीसदी पर सीमित करना.
3. विभिन्न योजनाओं पर सरकारी खर्च बढ़ाने के लिए नवाचार अपनाने की जरूरत.
4. व्यापार की सुविधा : 35 केंद्रीय कानूनों को सिर्फ चार नए कानूनों में समाहित करना.
5. गोल्ड मोनेटाइजेशन और गोल्ड बांड योजनाओं की घोषणा. मसौदा जारी.
6. नकद सब्सिडी हस्तांतरण के दायरे में ऊर्वरक और भोजन को लाना.
7. अगले साल एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर लागू करना.
8. उत्पादकता बढ़ाने के लिए दूसरी हरित क्रांति लाना.
9. कृषि उत्पादों के लिए एक राष्ट्रीय साझा बाजार बनाना, जिसमें कृषि उत्पादन विपणन समिति कृषि उत्पाद बेचने के विभिन्न विकल्पों में से एक होगी.
10. विदेशों में जमा काले धन पर कानून बन जाने के बाद इसे लागू करना.
11. व्यापक दीवालिया संहिता पर विवरण जारी करना.
12. सरकारी बैंकों को नए पूंजी निवेश की जरूरत. विलय और पेशेवरों की नियुक्ति की आजादी। तनावग्रस्त संपत्ति के समाधान की कारगर प्रक्रिया अपनाना.
13. सरकारी बैंकों के विलय के विवरण जारी करना.
14. नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करना.
15. सब्सिडी समाप्त करने के लिए व्यापक नीति पर कोई प्रारूप नहीं.
16. कोल बेड मीथेन पर नई नीति जारी करनी बाकी.
17. मौजूदा अल्ट्रा-मेगा बिजली परियोजनाओं की बदहाली, पांच घोषित नई अल्ट्रा-मेगा बिजली परियोजनाओं में अबतक कोई विकास नहीं.
18. पुराने मामलों में न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) के मुद्दे का अबतक समाधान नहीं.
19. कम कर दर और कम से कम छूट वाले प्रत्यक्ष कर व्यवस्था का सरलीकरण अबतक एक चुनौती.
20. राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा प्राधिकरण की स्थापना. यह पुणे में प्रस्तावित है, जो स्मार्ट शहर परियोजनाओं की निगरानी करेगा.
21. सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाइयों की अधिकतम निवेश सीमा पर विधेयक तैयार, लेकिन इसे आगे बढ़ाना बाकी.
22. प्रतिकारी शुल्क से संबंधित सभी छूट समाप्त करना. इससे भारतीय विनिर्माण उद्योग और मेक इन इंडिया पहल को फायदा होगा.
23. मौजूदा सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल की खामियों को दूर करने के लिए प्रस्तावित संस्थानों की स्थापना.
24. दूसरे और तीसरे शहरों में बिना किसी अतिरिक्त सुविधा वाले 50 प्रस्तावित हवाईअड्डों की स्थापना.
25. तेल मंत्रालय को यह स्पष्ट करने की जरूरत कि देश भर में 25 हजार किलोमीटर गैस ग्रिड बनाने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा.

IANS

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