लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती को दूसरा बड़ा झटका लगा है. बसपा के महासचिव आरके चौधरी ने पार्टी से इस्तिफा दे दिया है. चौधरी ने मायावती पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ दी है. उन्होंने कहा कि मायावती पार्टी के अंदर टिकट बेचने का काम करती हैं. माना जाता है कि आरके चौधरी काशीराम के काफी करीबी थे.
चौधरी ने कहा कि वे आगामी 11 जुलाई को भावी रणनीति तय करेंगे. चौधरी को बीएसपी में दिग्गज नेताओं में गिनती की जाती है. सूत्रों की मानें तो चौधरी मोहनलाल गंज से टिकट मांग रहे थे लेकिन बीएसपी सुप्रीमो ने यहां से किसी और को प्रत्याशी घोषित कर दिया, जिससे खफा होकर आरके चौधरी ने पार्टी छोड़ने का ही फैसला कर डाला.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीएसपी अब सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन नहीं रह गई है बल्कि मायावती ने इसे अपनी निजी रियल इस्टेट कंपनी बना डाला है. वह अब पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनतीं, बल्कि कुछ चाटुकारों के कहने पर उल्टे-सीधे फैसले करती रहती हैं.
चौधरी ने आरोप लगाते हुए कहा, मायावती को सिर्फ अब धन उगाही का शौक रह गया है. उन्होंने कहा, कांशीराम ने एक बार मायावती से खुद कहा था कि मायावती को पैसा बटोरने की हवश है.
बता दें कि इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीएसपी छोड़ दी थी. मौर्या ने कहा था कि बसपा सुप्रीमो मायावती दलितों की नहीं, दौलत की बेटी हैं जो विधानसभा चुनाव के टिकट करोड़ों में बेच रही हैं. उन्होंने कहा कि बसपा में आंबेडकर के विचारों की हत्या हो रही है और दिखावे के लिए आंबेडकरवादी बनकर मायावती बाबा साहब के सपनों को बेचने में लगी हैं.