शिवसेना ने काले धन पर ‘सामना’ के जरिए मोदी पर कसा तंज

एनडीए के प्रमुख घटक दल बीजेपी और शिवसेना के बीच रार एक बार फिर से जगजाहिर हो चुकी है. दरअसल, इस बार शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए चुनाव के दौरान किए गए वादों पर जवाब मांगा है. शिवसेना ने सवाल करते हुए कहा है कि सरकार ने अभी तक काले धन की वापसी के लिए क्या किया है.

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शिवसेना ने काले धन पर ‘सामना’ के जरिए मोदी पर कसा तंज

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  • June 28, 2016 6:04 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago

मुंबई. एनडीए के प्रमुख घटक दल बीजेपी और शिवसेना के बीच रार एक बार फिर से जगजाहिर हो चुकी है. दरअसल, इस बार शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए चुनाव के दौरान किए गए वादों पर जवाब मांगा है. शिवसेना ने सवाल करते हुए कहा है कि सरकार ने अभी तक काले धन की वापसी के लिए क्या किया है. 

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इतना ही नहीं शिवसेना ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए यह भी पूछा है कि पिछले दो साल में अभी तक कितने देशवासियों के अकाउंट में 15 लाख रूपए जमा हुए हैं.
 
क्या लिखा है सामना में?
 
सामना में प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने लेख का शीर्षक ‘चाय से ज्यादा केतली गरम… मन की बात!’ दिया है. शिवसेना के मुखपत्र में कालेधन को केंद्र में रखकर यह लेख लिखा गया है. लेख में तंज कसते हुए कहा गया है कि, ‘देश बदल रहा है, लेकिन हमें मुफ्त चाय नहीं चाहिए? चुनाव से पहले जो आपने वादा किया था उसके अनुसार हमारे बैंक खाते में 15 लाख रुपये कब जमा करेंगे, पहले बताओ? ऐसा कोई व्यक्ति चाय की चुस्की मारते हुए पूछे तो उसका जवाब क्या होगा? उसे मारें, जलाएं या पकड़ें, ऐसा सवाल कुछ लोगों के मन में स्वभाविक तौर पर उठ सकता है.’
 
‘मोदी के हाथ में जादू की छड़ी नहीं’
 
इतना ही नहीं ‘सामना’ में ऐसा सवाल पूछने वालों के लिए जवाब का उल्लेख भी है लेख के अनुसार, ‘बाबा रे, प्रधानमंत्री मोदी 50 साल की गंदगी साफ करने में लगे हैं. उनके हाथ में छड़ी जरूर है, लेकिन वह जादू की छड़ी नहीं है. इसलिए सिर्फ दो साल में सब कुछ बदल जाएगा, ऐसी उम्मीद पालने की गलती मत करो. प्रधानमंत्री को कुछ और समय दो.
 
‘मन की बात’ कड़क चाय की तरह: सामना
शिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया, ‘मोदी के ‘मन की बात’ कड़क चाय की तरह है, लेकिन मुंबई में कालेधन पर लोग ‘मन की बात’ सुने इसलिए कई स्थानों पर मुफ्त में ‘चाय-पानी’ की व्यवस्था की गई. देश बदल रहा है, लेकिन हमें मुफ्त चाय नहीं चाहिए. 
 
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बता दें कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कालेधन को लेकर अपनी राय लोगों के सामने रखी थी और अघोषित संपत्ति का खुलासा 30 सितंबर से पहले करने को कहा था.

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