नई दिल्ली. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एनडीए सरकार के दो साल पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विदेश नीतियों और एनएसजी जैसे मुद्दों पर सरकार का पक्ष सामने रखा. उन्होंने कहा है कि विभिन्न विदेशी दौरों के ज़रिए हमने भारत की योजना और विदेशी निवेश के विकास के लिए प्रयास किए हैं. कई देशों के साथ हम परमाणु संबंधों को लेकर भी आगे बढ़ रहे हैं. हमारा लक्ष्य है कि 2016 के अंत तक दुनिया का ऐसा कोई देश नहीं होगा जिससे भारत का संबंध ना हो.
उन्होंने कहा कि भारत की एनएसजी सदस्यता का चीन विरोध नहीं कर रहा है, वह सिर्फ मानदंडों की प्रक्रिया की बात कर रहा है. पाक की एनएसजी सदस्यता पर विदेशमंत्री ने कहा – भारत किसी भी देश की एनएसजी सदस्यता का विरोध नहीं कर रहा है, हम चाहेंगे कि सभी देशों की अर्ज़ियां योग्यता के आधार पर तय की जाएं.
हमें उम्मीद है कि हम चीन का समर्थन हासिल कर लेंगे. मैं खुद 23 देशों से संपर्क में हूं. एक दो मुद्दे हैं लेकिन एक सहमति तो बनी हुई है. हमारी कोशिश है कि साल के अंत तक हम एनएसजी सदस्यता हासिल कर लें.यह कहना सही नहीं है कि एनएसजी सदस्यता हासिल करने के लिए हमने सार्क देशों की अवहेलना की है. अमेरिका के साथ हमारी बातचीत बढ़ी है लेकिन देश के हितों की कीमत पर नहीं.