लखनऊ. विधानसभा चुनाव के दौरान वोटगणित का रिस्क नहीं उठाने के लिए बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मणों के खिलाफ बोलने की वजह से पार्टी के सलेमपुर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष संजय भारती को पार्टी से निकाल दिया है. बीएसपी में विधानसभा सीट के पार्टी अध्यक्ष का रुतबा वहीं के पार्टी एमएलए से बड़ा होता है.
ये सबको पता है कि मायावती ने आखिरी बार जब सरकार बनाई थी तब उन्होंने दलित और ब्राह्मणों का ऐसा सामाजिक वोटगणित तैयार किया था कि सारी पार्टियां देखती रह गईं. इस बार भी मायावती उस समीकरण में अपनी वापसी की संभावना देख रही हैं. यूपी में करीब 10 फीसदी वोटर ब्राह्मण हैं.
पार्टी से निकाले गए संजय भारती पार्टी के दलित नेता हैं और बीएसपी की स्थापना के समय से ही पार्टी से जुड़े हैं. भारती ने कहा है कि उनके फेसबुक को किसी ने हैक करके ब्राह्मण विरोधी बातें लिखीं. भारती ने पार्टी के ही पूर्व मंत्री एमए लारी और प्रमोद गौतम पर अपने खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है.
भारती ने कहा है कि वो दलितों के लिए काम करते रहेंगे और उन्हें उम्मीद है कि बहनजी को सच्चाई का पता चल जाएगा कि उनके खिलाफ साजिश हुई है. उन्होंने पुलिस में फेसबुक एकाउंट हैक होने की शिकायत भी दर्ज कराई है.
इससे पहले 12 जून को मायावती ने नजीबाबाद के विधायक तस्लीम अहमद को दलित विरोधी काम और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया था. पार्टी के एक कार्यक्रम में दलितों ने विधायक के खिलाफ आवाज बुलंद की थी.