Categories: राजनीति

मोदी सरकार ने पिछले एक साल में विश्वभर में छाप छोड़ी: जेटली

नई दिल्‍ली. नरेंद्र मोदी सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर मीडिया से मुखातिब होते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, एक साल पहले देश में जो निराशा का माहौल था वह अब उत्साह में बदल गया है. संकट की स्थितियों में भारत ने अपने नेतृत्व की छाप छोड़ी और दुनिया में उसका अपना अद्भुत स्थान बना है. जेटली ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि भ्रष्‍टाचार मुक्‍त सरकार देना रहा. हमने सरकारी और राजनीतिक भ्रष्‍टाचार खत्‍म किया. 

यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्‍होंने कहा कि कई मसलों पर यूपीए सरकार में एकराय नहीं थी. एक साल पहले देश में निराशा का माहौल था, जो अब खत्‍म हो गया है. पिछला साल देश को दिशा देने का साल था. वित्‍त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने ऊर्जा, कोयला के क्षेत्र में पारदर्शिता पर जोर दिया. अर्थव्‍यवस्‍था के मामले में अब उत्‍साह का माहौल है. देश की विकास दर बढ़ी है. सरकार तुरंत फैसले ले रही है. इस सरकार की खासियत है कठिन परिस्थितियों में फैसले लेना. तेज गति से फैसले लेना इस सरकार की पहचान है. तेज विकास से आलोचक भी परेशान हैं. देश किस दिशा में जाए, इस मसले पर सरकार में कोई विवाद नहीं है. अर्थव्‍यवस्‍था में खुलापन आया है. 

जेटली ने कहा कि जीएसटी पर सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं. राज्‍यसभा में यह जल्‍द पास हो जाएगा. टैक्‍स विकास को बढ़ाने का जरिया है, इसलिए टैक्‍स प्रक्रिया को काफी सरल बनाया है. इस सरकार में कोयला और स्‍पेक्‍ट्रम विवाद खत्‍म किए गए. कारोबार का माहौल सरल करने की जरूरत है. हर सिद्धांत का पारदर्शी अवलोकन होना चाहिए. विकास के लिए जो भी फैसले लेना हो, हम लेंगे. पहले निवेशक कानूनी कार्रवाई से डरते थे.

उन्‍होंने कहा कि टैक्‍स ढांचे को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर लाएंगे. डायरेक्‍ट टैक्‍स में छूट की दर बढ़ाई. इनकम टैक्‍स में दो-दो बार छूट दी गई ताकि लोगों की जेब में ज्‍यादा पैसे रहे. खनिज बहुल राज्‍यों को राहत दी गई है. अब खनिजों का पैसा राज्‍यों को जाएगा. केंद्र के संसाधनों में राज्‍यों का हिस्‍सा बढ़ा है. केंद्र के साथ सहयोग में राज्‍यों की सोच बदली है. राजनीतिक विरोध के बावजूद केंद्र के साथ राज्‍यों का सहयोग बढ़ा है.

जेटली ने उम्‍मीद जताई कि इस साल सरकार का राजस्‍व बढ़ने की उम्‍मीद है. सब्सिडी सिर्फ जरूरतमंद लोगों के लिए होना चाहिए. जांच एजेंसियों का दुरुपयोग अब पुरानी बात हो गई है. हमने मंदी के दौर में भी इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर का खर्च बढ़ाया. 6 महीने में सबसे ज्‍यादा विनिवेश से कमाई हुई है. कंपनी एक्‍ट में सरलता लाने की कोशिश की गई है. घरेल कालेधन पर भी सरकार कानून ला रही है. 

IANS से भी इनपुट 

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