एक साल बाद भी कहां रह गए हैं ‘अच्छे दिन’

एक साल पहले जब मोदी सरकार 'अच्छे दिन' के नारों के साथ आई तो महंगाई, भ्रष्टाचार और बदहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे देश में एक नई उम्मीद की लहर दौड़ गयी. पीएम मोदी के सकारात्मक क़दमों से काफी हद तक भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि को काफी फायदा पहुंचा. लेकिन मोदी की विदेश यात्राओं से इतर देश की जनता को इस एक साल की सरकार से क्या हासिल हुआ है इसकी तफ्तीश करने का समय आ गया है. 

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एक साल बाद भी कहां रह गए हैं ‘अच्छे दिन’

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  • May 22, 2015 2:42 am Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. एक साल पहले जब मोदी सरकार ‘अच्छे दिन’ के नारों के साथ आई तो महंगाई, भ्रष्टाचार और बदहाल अर्थव्यवस्था से जूझ रहे देश में एक नई उम्मीद की लहर दौड़ गयी. पीएम मोदी के सकारात्मक क़दमों से काफी हद तक भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि को काफी फायदा पहुंचा. लेकिन मोदी की विदेश यात्राओं से इतर देश की जनता को इस एक साल की सरकार से क्या हासिल हुआ है इसकी तफ्तीश करने का समय आ गया है. 

इंडिया न्यूज़ के विशेष कार्यक्रम में आज इन्हीं उपलब्धियों और विफलताओं पर चर्चा करने के लिए बीजेपी की तरफ से शाहनवाज़ हुसैन और कांग्रेस की तरफ से रशीद अल्वी मौजूद रहे. शाहनवाज़ ने जहां मोदी के इस कार्यकाल को विकास की तरफ एक कदम बताया तो वहीं रशीद अल्वी ने मोदी को अपने सभी वादों में असफल करार दिया. पूरी चर्चा देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करें.

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