नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगर अपने बेटे और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ताजपोशी के रास्ते खोलती हैं तो राहुल गांधी की नई टीम में महासचिव से लेकर नीचे प्रदेश अध्यक्ष तक बहुत सारे नेताओं की छुट्टी हो सकती है.
2014 के आम चुनाव के बाद से ही कांग्रेस में फेरबदल की बात चल रही है लेकिन हाल में पांच राज्यों के चुनाव में दो राज्यों में सरकार गंवाने के बाद ये चर्चा तेज हो गई है. इस महीने कांग्रेस का कर्नाटक में चिंतन शिविर होगा जहां फेरबदल के साथ साथ राहुल को पार्टी अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है.
राहुल गांधी भी अपनी टीम बनाने पर लंबे समय से काम कर रहे हैं और इस सिलसिले में वो देश भर के 300 से ज्यादा पार्टी नेताओं से वन-टू-वन बैठक कर चुके हैं. माना जा रहा है कि राहुल की टीम में ज्यादातर युवा चेहरों को जगह दी जाएगी जिससे संदेश जाए कि पार्टी अब युवाओं के हाथ में है.
सोनिया गांधी की टीम में महासचिव जनार्दन द्विवेदी, अंबिका सोनी, दिग्विजय सिंह, बीके हरिप्रसाद, वी नारायणसामी, मधुसूदन मिस्त्री और मोहन प्रकाश को राहुल की टीम में शायद इस वजह से भी जगह न मिले कि ये पार्टी के वो चेहरे हैं जो लंबे समय से लोगों के दिल-दिमाग में बैठ गए हैं. पार्टी छवि बदलने के लिए पार्टी के चेहरों को बदलने की कोशिश करेगी.
कांग्रेस में चर्चा है कि टीम राहुल गांधी में महासचिव की लिस्ट में रणदीप सूरजेवाला, आरपीएन सिंह, भंवर जितेंद्र सिंह, के राजू, अजय माकन, कुमारी सैलजा, मनीष तिवारी या संदीप दीक्षित और रीता बहुगुणा जोशी ने नाम दिख सकते हैं. कोषाध्यक्ष पद के लिए राहुल मोतीलाल वोरा की जगह पर राहुल अशोक गहलोत या सुशील कुमार शिंदे को चुन सकते हैं. टीम राहुल में सचिव पद के लिए जो नाम चर्चा में हैं उनमें दीपेंद्र सिंह हुड्डा, नदीम जावेद, पंकज मल्लिक, अजय शर्मा, गौरव गोगोई, राजीव सातव और रवनीत बिट्टू के नाम उछल रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के संविधान के हिसाब से पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक बुलाई जाएगी और फिर एआईसीसी का सम्मेलन बुलाकर नए अध्यक्ष का औपचारिक चुनाव हो सकता है. पार्टी संगठन में फेरबदल कांग्रेस अध्यक्ष के हाथ की बात है जो वो बाद में कर सकते हैं.
राहुल के अध्यक्ष बनने पर एक स्थिति ये हो सकती है कि सोनिया गांधी की टीम के सारे पदाधिकारी खुद ही पदों से इस्तीफा दे दें और राहुल को नए सिरे से अपनी टीम चुनने का मौका दें. दूसरी स्थिति तो ये है कि जिन लोगों को पद से हटाना है, उनके पद पर नई नियुक्ति कर दी जाए. ये देखना दिलचस्प होगा कि राहुल किस तरह से अपनी टीम बनाते हैं.
सोनिया गांधी की टीम के महासचिवों का रिपोर्ट कार्ड
दिगिवजय सिंह- आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गोवा के प्रभारी- सत्ता से बाहर
बीके हरिप्रसाद- उडीसा, झारखंड और छत्तीसगढ के प्रभारी- सत्ता से बाहर
मोहन प्रकाश- मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के प्रभारी- सत्ता से बाहर
मुकुल वासनिक- तमिलनाडु, केरल और पुडडूचेरी. पुडडूचेरी जीते, बाकी हारे
मधूसूदन मिसत्री- उत्तर प्रदेश- पार्टी बुरी तरह हारी
शकील अहमद- हरियाणा और पंजाब- हरियाणा हारी, पंजाब में आप चमकी
पीसी चाको- दिल्ली- विधानसभा में पार्टी का एक भी विधायक नहीं
सीपी जोशी- बिहार, असम, बंगाल- बिहार में गठबंधन जीता लेकिन असम-बंगाल हारे
वी नारायणसामी- पूर्वोत्तर के 6 राज्य- बस तीन राज्यों में कांग्रेस की सरकार
अंबिका सोनी- हिमाचल और उत्तराखंड- दोनों जगह सरकार है