नई दिल्ली. बीजेपी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस मुक्त भारत लक्ष्य की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं. पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद 29 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 31 सीएम में कांग्रेस के मात्र 7 सीएम रह गए हैं. कर्नाटक को छोड़ दें तो बाकी 6 राज्य ऐसे हैं जहां विधानसभा में कुल विधायक भी 100 से कम हैं.
गिनती के लिए तो कांग्रेस के पास 7 सीएम भी ठीक ही लगते हैं जब ये बताएं कि इन 31 सीएम में बीजेपी के भी मात्र 9 सीएम हैं. कुछ राज्यों में बीजेपी के समर्थन से चल रही सरकार में दूसरी पार्टी का नेता सीएम है. लेकिन जब ये पता लगे कि कर्नाटक को छोड़कर बाकी सारे कांग्रेस शासित राज्य छोटे-छोटे हैं जबकि बीजेपी के पास बड़े-बड़े राज्य हैं तो कांग्रेस समर्थकों को झटका लगेगा.
पांच राज्यों के चुनाव के बाद असम में तरुण गोगोई और केरल में ओमन चांडी सरकार चली गई. भरपाई में पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार बनेगी और जब ये सरकार बन जाएगी तब उसके पास पुडुचेरी के अलावा मुख्यमंत्री की लिस्ट में कर्नाटक के सिद्धारमैय्या, हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह, उत्तराखंड के हरीश रावत, मणिपुर के ओकराम इबोबी सिंह, मेघालय के मुकुल संगमा और मिजोरम के लाल थनहावला ही बचेंगे.
बीजेपी के पास असम के अलावा महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा और गोवा में सीएम है जबकि जम्मू-कश्मीर समेत तीन-चार राज्यों में उसके समर्थन से चल रही सरकार में सहयोगी पार्टी का नेता मुख्यमंत्री है.
कई बड़े और मंझोले राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ना तो कांग्रेस के पास है और ना ही बीजेपी के पास. केरल में सरकार बनाने के बाद लेफ्ट फ्रंट के सीएम की संख्या बढ़कर दो हो जाएगी. इससे पहले त्रिपुरा में माणिक सरकार लेफ्ट के एकमात्र सीएम थे.