‘इशरत जहां मामले में वास्तविक मुद्दे भटक रही है मोदी सरकार’

इशरत जहां मामले पर हलफमानों में बदलाव को लेकर बीजेपी की आलोचना का शिकार हो रहे पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज पलटवार करते हुए कहा कि हलफनामा विवा वास्तविक मुद्दे से केवल ध्यान हटाने के लिए खड़ा किया गया है और वास्तविक मुद्दा यह है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी या नहीं.

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‘इशरत जहां मामले में वास्तविक मुद्दे भटक रही है मोदी सरकार’

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  • April 25, 2016 5:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
नई दिल्ली: इशरत जहां मामले पर हलफमानों में बदलाव को लेकर बीजेपी की आलोचना का शिकार हो रहे पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने आज पलटवार करते हुए कहा कि हलफनामा विवा वास्तविक मुद्दे से केवल ध्यान हटाने के लिए खड़ा किया गया है और वास्तविक मुद्दा यह है कि यह एक फर्जी मुठभेड़ थी या नहीं.
 
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन की आलोचना किये जाने को लेकर भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बात थोड़ी सी भी निंदा सहन करने की उसकी अक्षमता को उजागर करती है. चिदंबरम ने इशरत जहां मामले को लेकर ट्विटर पर कहा, हलफनामा विवाद इशरत जहां मामले पर वास्तविक मुद्दे से केवल ध्यान हटाने के लिए है.
 
वास्तविक मुद्दा यह है कि क्या वह फर्जी मुठभेड़ थी और क्या पहले ही हिरासत में बंद चार लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया था. उनके कार्यकाल में हलफनामों में बदलाव संबंधी विवाद के बारे में उन्होंने कहा, हलफनामों पर गृह मंत्री हस्ताक्षर नहीं करता है. इन पर अवर सचिव हस्ताक्षर करता है.
 

गृह मंत्रालय का जवाब
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि इस केस में पहला एफिडेविट इंटेलिजेंस ब्यूरो के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर फाइल किया गया था, जिसमें कहा गया था कि 19 साल की इशरत लश्कर की ऐक्टिविस्ट थी लेकिन दूसरे एफिडेविट में इसे हटा दिया गया. दूसरे एफिडेविट के बारे में कहा जा रहा है कि से चिदंबरम ने खुद ड्राफ्ट किया. अधिकारी ने कहा, ‘इस एफिडेविट में कहा गया कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि इशरत आतंकी थी.’
 
कौन-थी इशरत जहां?
इशरत जहां मुंबई के मुंब्रा इलाके की रहने वाली थी और कॉलेज स्टूडेंट थी. 19 साल की इशरत मिडल क्लास फैमिली से थी. 15 जून, 2004 को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक एनकाउंटर किया था, इसमें इशरत और उसके तीन साथियों की मौत हो गई थी. गुजरात पुलिस का दावा था कि इशरत और उसके तीनों साथी तब गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने अहमदाबाद आए थे.

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