महाराष्ट्र: एनडीए सरकार की सहयोगी दलों की मुख्य पार्टियों में से एक शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. सामना में शिवसेना ने लिखा है कि बीजेपी ने नैतिकता के नाम पर ‘लोकतंत्र का गला घोंट’ दिया है. इसके साथ ही शिवसेना ने चेतावनी भी दी है कि इससे देश में अस्थिरता और अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है.
सामना के जरिए केंद्र पर हमला
शिवसेना ने लेख में लिखा है कि इस मामले में केंद्र सरकार का वस्त्रहरण तो हुआ ही राष्ट्रपति की प्रतिष्ठा भी धूमिल हुई है. उसमें यह भी लिखा है कि आखिरकार मोदी सरकार ने इस फैसले पर मुहर अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण ही लगाया था लेकिन अदालत ने ये कोशिश नाकाम कर दी. उत्तराखंड मामले में कोर्ट का यह कहना है कि राष्ट्रपति से निर्णय में गलती हुई. इसका मतलब ये है कि मोदी सरकार से गलती हुई है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था. जिसके बाद हरीश रावत सरकार को विधानसभा में 29 अप्रैल को बहुमत साबित करने को कहा था. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों की सदस्यता भी खत्म करने के स्पीकर के फैसले को सही कहा था. वहीं दूसरी और केंद्र सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की पूरी तैयारी कर चुकी है.