नई दिल्ली. मोदी सरकार ने मल्टी ब्रांड रिटेल में एफडीआई(FDI) के विरोध से पल्ला झाड़ लिया है. सरकार ने मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के यूपीए सरकार के फैसले को बरकरार रखा है. सरकार द्वारा जारी सालाना एफडीआई डाक्यूमेंट के अनुसार पिछले एक साल में मोदी सरकार की ओर से किए सभी नीतिगत बदलाव को एफडीआई डॉक्यूमेंट में शामिल किया गया है. उन बदलावों में रेलवे, रक्षा, चिकित्सा उपकरण, बीमा एवं निर्माण में दी गई छूट को भी शामिल किया गया है. सितंबर 2012 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई को अनुमति दी थी. उस वक्त भाजपा की ओर से इस फैसले का जबरदस्त राजनीतिक विरोध किया गया था.
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