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कन्हैया के मामले में केंद्र सरकार से कोई चूक नहीं हुई: राजनाथ

नई दिल्ली. जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार गुरुवार को तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद जेएनयू में भाषण दिया था. कन्हैया ने अपने भाषण केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं केंद्र सरकार ने भाषण को अपने आप से अलग कर लिया है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कन्हैया कुमार के संबंध में एक बार फिर सरकार की ओर से उचित कदम उठाए जाने की बात कही है.
गृह मंत्री ने कहा कि मामले में सरकार से कोई चूक नहीं हुई है, यह मामला दिल्ली पुलिस देख रही थी.  इसके साथ ही आगे भी वही देखेगी. गृहमंत्री ने कन्हैया मामले में सरकार की चूक से साफ इंकार किया है। साथ ही उन्होने कल रात जेएनयू में दिये कन्हैया के भाषण पर कोई प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया.
कन्हैया के भाषण के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, ‘मैंने अभी वो भाषण नहीं सुना है.’ हालांकि गृह मंत्री ने यह भी कहा कि कन्हैया के मामले में सरकार से कोई चूक नहीं हुई है. दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है और अब तक जो भी कार्रवाई हुई है वो कानून के मुताबिक हुई है.
कन्हैया ने क्या कहा?
कन्हैया ने जेएनयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई मतभेद थे लेकिन वह उनके ‘सत्यमेव जयते’ वाले ट्वीट से सहमत हैं जो उन्होंने जेएनयू विवाद पर लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के उग्र लहजे वाले भाषण पर किया था क्योंकि यह संविधान में है. नारेबाजी और जोरदार तालियों के बीच अपने भाषण में कन्हैया ने तंज कसते हुए कहा कि मेरे प्रधानमंत्री के साथ कई मतभेद हैं लेकिन मैं उनके सत्यमेव जयते के ट्वीट से सहमत हूं क्योंकि यह शब्द हमारे संविधान में है. उन्होंने कहा कि हम भारत से आजादी नहीं चाहते हैं. हम भारत के भीतर आजादी चाहते हैं. तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान अपने साथ खड़े रहने वालों को धन्यवाद देते हुए कुमार ने कहा कि उन्हें भारत के संविधान और न्यायपालिका पर भरोसा है.
कन्हैया ने कहा कि इस बार सिस्टम को पढ़ा नहीं झेला है. जेएनयू ने सही को सही और गलत को गलत कहा. इससे पहले कन्हैया ने सदन में बैठे लोगों और पुलिस का धन्यवाद भी किया. साथ ही कहा कि हम लोग एबीवीपी को दुश्मन की तरह नहीं विपक्ष की तरह देखते हैं. कन्हैया ने मन की बात से लेकर हर हर मोदी, चुनावी वादों, जाट आरक्षण, मोदी के ट्वीट जैसे तमाम मुद्दे उठाए और केंद्र को घेरा. कन्हैया ने जेएनयू पर हमला एक योजना के तहत है क्योंकि वे यूजीसी के विरोध में प्रदर्शन को ख़त्म करना चाहते हैं और रोहित वेमुला के लिए न्याय की लड़ाई को धीमा करना चाहते हैं. इस देश की सत्ता ने जब जब अत्याचार किया है, जेएनयू से बुंलद आवाज़ आई है, आप हमारी लड़ाई को धीमा नहीं कर सकते. जेएनयू के साथ खड़े होने के लिए कन्हैया ने सभी को धन्यवाद कहा.
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