जबलपुर. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राष्ट्रभक्ति के प्रमाण पत्र बांटने की एजेंसी न खोले, बल्कि केंद्र सरकार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की रिहाई कराए. उन्होंने कहा कि अगर कन्हैया को रिहा न कराया गया तो संसद और संसद के बाहर इस मामले पर आर-पार की लड़ाई होगी.
‘ओछी राजनीति कर रही है केंद्र सरकार’
जबलपुर पहुंचे शरद ने कहा कि जेएनयू छोटा भारत है. वहां हमेशा वैचारिक आजादी रही है. जहां तक नारों की बात है, नारों से कभी देश की संस्कृति और सभ्यता प्रभावित नहीं होती. देश की प्रतिष्ठा ओछी राजनीति करने से गिरती है और केंद्र सरकार वही कर रही है.
‘निर्दोष को न फसाएं’
उन्होंने कहा कि जेएनयू में जिन्होंने देश विरोधी नारे लगाए हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, मगर निर्दोष को फसाया नहीं जाना चाहिए. आज पूरे देश में ‘राष्ट्रवाद’ के नाम पर माहौल बिगाड़ा जा रहा है. शरद ने आगे कहा कि कश्मीर घाटी में रोजाना देश विरोधी नारे लगते हैं, पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते हैं. जो लोग ऐसा करते हैं, वे पीडीपी के साथ हैं, यह समझते हुए भी बीजेपी ने जम्मू -कश्मीर में सत्ता के लिए पीडीपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी. वही बीजेपी आज राष्ट्रवाद की बात कर रही है.
‘बिहार चुनाव के दौरान गौमांस पर भड़काया’
उन्होंने कहा, “हमें पता है कि देश की आजादी और आपातकाल के दौरान किसने क्या किया था. इस मसले पर हम ज्यादा बोलना नहीं चाहते.” शरद ने कहा कि बीजेपी अनावश्यक मुद्दों पर शोर मचाती है. बिहार चुनाव के दौरान गौमांस का मुद्दा उठाकर जन भावना भड़के का प्रयास किया गया था. पूर्वाचल के सात राज्यों में गौमांस खाया जाता है. दलित वर्ग मरे हुए जानवर का मांस खाते हैं. यह कोई मुद्दा नहीं है जिस पर हल्ला मचाया जाए.
‘देश विरोधी नारेबाजी करने वालों को पकड़े निर्दोषों को नहीं’
उन्होंने कहा कि इसी तरह फर्जी वीडियो जारी कर कन्हैया को गिरफ्तार किया गया. राष्ट्रद्रोह का मुद्दा उठाया गया. इसके लिए मीडिया का उपयोग किया गया. यह ओछी राजनीति नहीं तो और क्या है? शरद ने कहा कि देश के खिलाफ नारेबाजी करने वालों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए था. मगर देश के प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी को छावनी बनाकर छात्रसंघ अध्यक्ष को गिरफ्तार किया जाना और उस पर देशद्रोह का मुकदमा चलाना बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि कन्हैया निर्दोष है, यह प्रमाणित हो गया तो उसे तत्काल रिहा कराया जाए, पूरा मामला शांत हो जाएगा.