नई दिल्ली. केंद्र सरकार को आज लोकसभा में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी जीएसटी विधेयक के मामले में राहत मिल सकती है. तृणमूल कांग्रेस ने इस अहम आर्थिक सुधार को लेकर अपना समर्थन देने की घोषणा की है, हालांकि कांग्रेस, बीजेडी और वामपंथी दल सहित कई विपक्षी पार्टियां इस विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की अपनी मांग पर अड़ी हैं.
इससे पहले अप्रैल में जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक पेश किया था तब सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ टीएमसी ने सदन से वॉकआउट किया था. मोदी सरकार प्रस्तावित गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को 1947 के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बता रही है.
क्या है जीएसटी
ये अलग-अलग टैक्स ख़त्म कर उनकी जगह एक ही टैक्स प्रणाली लागू करने के लिए है. जीएसटी लागू होते ही सेंट्रल सेल्स टैक्स, एक्साइज़, लग्ज़री, एंटरटेंनमेंट, वैट जैसे अलग-अलग सेंट्रल और लोकल टैक्स खत्म हो जाएंगे. इससे पूरे देश में एक प्रोडक्ट पर लगभग एक जैसा ही टैक्स लगेगा. इसके लागू होने के बाद टैक्स का बराबर हिस्सा केंद्र और राज्यों को मिलेगा. जीएसटी को अप्रैल 2016 से से सरकार लागू करना चाहती है, हालांकि इस पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है.
IANS
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