श्रीनगर. ‘पीपुल्स डेमोकट्रिक पार्टी’ (पीडीपी) की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की अहम बैठक में कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब तक उन्हें सहयोगी दल बीजेपी से यह आश्वासन नहीं मिल जाता कि उनके स्वर्गीय पिता की विचारधारा का अनुसरण किया जाएगा, तब तक यह संभव नहीं है.
‘सत्ता के लिए राज्य की बलि नहीं’
महबुबा ने यह भी साफ किया कि कश्मीर और नई दिल्ली के बीच जो अविश्वास की खाई है, उसे बीजेपी को दूर करना होगा. उन्होंने कहा कि वह सत्ता के लिए राज्य और पार्टी हितों की बलि नहीं देंगी. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीडीपी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए महबूबा ने कहा कि उन्हें अपनी गठबंधन साझेदार बीजेपी से ठोस आश्वासन चाहिए कि दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की राज्य में समान विकास और शांति की विचारधारा पर अमल किया जाएगा.
‘महबुबा परेशानी मोल लेना नहीं चाहतीं’
पार्टी के एक नेता के मुतबिक, “पार्टी के सदस्यता अभियान और जनता तक पहुंचने जैसे पार्टी के मसलों पर चर्चा के लिए पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई थी. कुछ नेता और विधायक सरकार गठन के मुद्दे पर महबूबा की राय जानना चाहते थे.”
सूत्र के मुताबिक, “उन्होंने बताया कि वह सरकार गठन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह बेवजह परेशानी मोल लेना नहीं चाहतीं. उन्होंने मुफ्ती साहब के बीजेपी के साथ गठबंधन के बड़े फैसले के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि उनके 10 महीने के कार्यकाल में उनके सपने पर विचार नहीं किया गया.”
फिलहाल नहीं बनेगी राज्य में सरकार
सूत्र के मुताबिक, महबूबा ने कहा कि वह राज्य में सत्ता के बारे में केवल यह सोचकर निर्णय नहीं ले सकतीं कि इससे वह मुख्यमंत्री बन जाएंगी. पीडीबी की बंद कमरे में हुई बैठक से यह साफ है कि राज्य में सरकार गठन पर असमंजस की स्थिति फिलहाल बरकरार रहेगी.
बता दें कि सात जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है और महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया है.