महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जनता से किए वादे पूरे न होने पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि लोगों से किए गए वादों और घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.
मुंबई. महाराष्ट्र में बीजेपी के सहयोगी दल शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जनता से किए वादे पूरे न होने पर निशाना साधा है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि लोगों से किए गए वादों और घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.
‘लोगों को कुछ नहीं मिला’
‘सामना’ में कहा गया है कि मोदी ने गुजरात में जो किया, वह राष्ट्रीय स्तर पर उस काम को पूरा करने में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. घोषणाएं की गई थीं, वादे किए गए थे, अच्छे दिनों का सपना दिखाया गया, लेकिन लोगों को इनमें से कुछ भी नहीं मिला.
‘मोदी को लालफीताशाही परेशान कर रही है’
पार्टी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब प्रधानमंत्री ने अयोग्य नौकरशाहों को घर भेजने के आदेश जारी किए हैं, तो ऐसे में लोग ‘अच्छे दिन’ की आस से खुश हैं. उसने कहा कि मोदी अब तक के सबसे मजबूत और लोकप्रिय प्रधानमंत्री हैं. लेकिन मजबूत मोदी को भी लालफीताशाही की ओर से परेशानी हो रही है.
नौकरशाही पर फोड़ा ठीकरा
शिवसेना ने कहा कि सरकार की आम धारणा यह प्रतीत होती है कि ‘अच्छे दिन’ लाने के रास्ते में लालफीताशाही बाधाएं पैदा कर रही है. मोदी सरकार को सत्ता में आए दो साल बीत चुके हैं, लेकिन भ्रष्टाचार, महंगाई, आतंकवाद, आर्थिक अराजकता, किसानों की समस्याएं और बेरोजगारी जैसे मसले अब भी बरकरार हैं और सरकार ने इसका ठीकरा नौकरशाही पर फोड़ा है.
शिवसेना ने कहा कि यदि अच्छे दिन लाने का सपना साकार करने में प्रधानमंत्री को नौकरशाही के कारण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है ? यह शोध का विषय है.
हेमा मालिनी मामले पर भी साधा निशाना
हेमा मालिनी को करोड़ों रुपये की कीमत का भूखंड मात्र 70,000 रुपये में दे दिया गया और इस भूखंड को आवंटित करने में नौकरशाही ने कोई रुकावट नहीं डाली, इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि नौकरशाही सरकार की नहीं सुनती.