केंद्र में भाई की सरकार है तो आंदोलन की जरूरत नहीं: तोगड़िया

विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा है कि केंद्र में हमारे भाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की सरकार है तो हमें राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की जरूरत नहीं है. वीएचपी केंद्र से ये उम्मीद करती है कि मोदी और उनकी सरकार मंदिर निर्माण के लिए पार्लियामेंट में कानून पास कराएंगे."

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केंद्र में भाई की सरकार है तो आंदोलन की जरूरत नहीं: तोगड़िया

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  • January 16, 2016 6:20 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago
लखनऊ. विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा है कि केंद्र में हमारे भाई (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की सरकार है तो हमें राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन की जरूरत नहीं है. वीएचपी केंद्र से ये उम्मीद करती है कि मोदी और उनकी सरकार मंदिर निर्माण के लिए पार्लियामेंट में कानून पास कराएंगे.” जिससे राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द हो सके.
 
‘पटेल की तरह मोदी भी कानून बनाएं’
वीएचपी के धर्म रक्षा निधि अर्पण कार्यक्रम मे तोगड़िया ने कहा कि जब तक दिल्ली में भाई की सरकार है, तब तक आंदोलन की बात समाप्त. उन्होंने कहा कि जिस तरह सरदार बल्लभभाई पटेल ने सोमनाथ मंदिर के लिए कानून बनवाया था. पीएम मोदी भी पटेल के रास्ते पर चलें. राम मंदिर के लिए संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर कानून पारित कराया जाए.
 
‘मंदिर बनने से सभी दलों को होगा फायदा’
वीएचपी प्रमुख ने भरोसा जताया कि मोदी विचारों के पक्के हैं. उनमें श्रद्धा है और वह संसद में कानून बनवाकर मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करेंगे. तोगड़िया ने सभी राजनीतिक दलों से ऐसे कानून को पारित कराने मे समर्थन की अपील की. उन्होंने कहा कि राम मंदिर श्रद्धा का विषय है ना कि चुनावी मुद्दा. कानून बनने का फायदा केवल एक दल को नहीं बल्कि बीजेपी, कांग्रेस, सपा, बसपा सबको मिलेगा.
 
‘पाक से व्यक्तिगत स्तर पर चलाएं दोस्ती राष्ट्र जीवन में नहीं’
पठानकोट आतंकी हमले और पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर तोगड़िया ने कहा कि सेना पर हमला युद्ध कहा जाता है. अतीत गवाह है कि पाकिस्तान भारत को अपना दुश्मन मानता है. उन्होंने कहा कि शत्रु को शत्रु मानकर ही रणनीति बनानी चाहिए. व्यक्तिगत स्तर पर दोस्ती चल सकती है लेकिन राष्ट्र जीवन में यह संभव नहीं है.
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सुधर गया है, यह तब माना जाएगा जब वह दाउद इब्राहिम, मौलाना अजहर मसूद, लखवी और हाफिज सईद को भारत के हवाले कर दे.

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