नई दिल्ली. दिल्ली के विधायकों के बाद अब सांसदों का वेतन भी जल्द ही करीबन दोगुना कर दिए जाने की संभावना है. संसदीय कार्य मंत्रालय के इस प्रस्ताव में सांसदों का वेतन 50 हजार से एक लाख करने का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही दफ़्तर, संसदीय क्षेत्र का भत्ता भी दोगुना करने का प्रस्ताव है. वेतन और भत्ता मिलाकर 2 लाख 80 हज़ार करने का प्रस्ताव है. हालांकि सांसद मूल वेतन बढ़ाए जाने के पक्ष में नहीं है. इस पर बजट सत्र में फ़ैसला हो सकता है.
इसी सत्र में इस प्रस्ताव को नहीं लाया जा सका, क्योंकि सांसदों को लगा कि एक तरफ वह संसद को ठप करें और दूसरी तरफ अपनी तनख्वाह को बढ़ाएंगे तो जनता को आपत्ति ज्यादा होगी. लिहाजा, यह तय किया गया है कि फरवरी में शुरू होने वाले बजट सत्र में यह प्रस्ताव लाया जाएगा और यह बात तय मानी जा रही है कि सांसदों का वेतन दोगुना कर दिया जाएगा.
वेतन आयोग से भी जोड़ा जा सकता है
हालांकि वित्त मंत्रालय के पास एक दूसरा प्रस्ताव भी है, जिसके मुताबिक यह प्रस्ताव भी किया गया है कि सांसदों की तनख्वाह को वेतन आयोग से जोड़ दिया जाए. यानि जब-जब वेतन आयोग अपने हिसाब से सरकारी कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाए तब सांसदों की तनख्वाह भी अपने आप बढ़ जाए. यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार में सचिवों की तनख्वाह से सांसदों का वेतन एक हजार रुपये ज्यादा हो. मंत्री की तनख्वाह कैबिनेट सचिव से दस हजार रुपये ज्यादा हो और प्रधानमंत्री की डेढ़ गुना ज्यादा हो. ये दो प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के सामने हैं. माना जा रहा है कि इस पर जल्द ही फैसला हो जाएगा और मंत्रालय की तरफ से हरी झंडी दे दी जाएगी। लिहाजा, यह साफ है कि आगामी बजट सत्र में सांसदों की तनख्वाह जरूर बढ़ेगी.