नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने DDCA में सामने आई अनियमितताओं और आम आदमी पार्टी के आरोपों पर जवाब दिया है. जेटली ने कहा कि संघीय ढांचे को नुकसान की दलील और भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों के जरिये ‘आप’ और सीएम अरविंद केजरीवाल बेहद ख़राब किस्म की राजनीति कर रहे हैं. जेटली ने कहा कि संघीय ढांचे को असल नुकसान पीएम को अपशब्द बोलने से पहुंचता है.
जेटली ने कहा कि केजरीवाल अपने करीबी अफसर के खिलाफ हुई कार्रवाई को संघीय ढांचे के खिलाफ कहकर प्रचारित कर रहे हैं. हालांकि देश के संघीय ढांचे को तो नुकसान 12 फरवरी 2013 को पहुंचा था जब दिल्ली जैसी यूनियन टेरिटरी की सरकार ने केंद्र की मौजूदा UPA सरकार के दो मंत्रियों के खिलाफ केस रजिस्टर्ड करवा दिया था, जबकि उस सरकार के पास किसी भी तरह जांच के अधिकार मौजूद नहीं थे. उन्होंने आगे कहा कि केजरीवाल ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किया है उससे संघीय ढांचे को ज्यादा नुकसान पहुंचा है.
जेटली ने कहा कि मेरे कार्यकाल में 42000 की धमता वाले विश्वस्तरीय स्टेडियम का निर्माण किया गया और कंस्ट्रक्शन EPIL नाम की सरकारी कंपनी को दिया गया था. उसी समय यूपीए सरकार के कार्यकाल में दो स्टेडियम बनाए गए जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम जिसकी लागत 900 करोड़ थी और ध्यानचंद स्टेडियम, जिसकी कुल लागत 600 करोड़ थी. UPA सरकार के दौरान एसएफआईओ ने इन मामलों की जांच कर 21 मार्च 2013 को रिपोर्ट सौंपी जिसमें इसमें कहा गया था कि कंपनी ऐक्ट के तहत DDCA में कुछ अनियमितताएं जरूर हैं लेकिन किसी तरह के फ्रॉड की बात नहीं कह सकते.
जेटली ने डीडीसीए के प्रेजिडेंट के तौर पर मेरा कार्यकाल 2013 में ही खत्म हो गया था दो साल बाद मुझ पर अनियमितताओं के आरोप लगाने का क्या औचित्य है? एक नया स्टेडियम 114 कोरड़ में बना और जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को कॉमन वेल्थ गेम्स के दौरान रोनोवेट कराने में 900 करोड़ खर्च हुए. अजय माकन जी खेल मंत्री रहे हैं वह बता सकते हैं ऐसा क्यों हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि एक सांसद हैं जो मेरे खिलाफ लिखते रहते हैं. यूपीए सरकार में जब नेता विपक्ष था तो उन्होंने भी DDCA को लिखा था कि जांच में स्पष्ट उल्लेख है कि तकनीकी अनियमितताओं की बात है लेकिन किसी तरह का फ्रॉड नहीं है. कीर्ति आजाद के खिलाफ पार्टी कार्रवाई करेगी के मसले पर अरुण जेटली ने कहा कि यह सवाल अच्छा है लेकिन गलत शख्स से पूछा जा रहा है.