राहुल ने भी संसद में की नेट न्यूट्रैलिटी की वकालत

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एनडीए सरकार पर आरोप लगया कि इंटरनेट पर कुछ कॉरपोरेट का वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने नेट निरपेक्षता के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की.

Advertisement
राहुल ने भी संसद में की नेट न्यूट्रैलिटी की वकालत

Admin

  • April 22, 2015 12:55 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 years ago

नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एनडीए सरकार पर आरोप लगया कि इंटरनेट पर कुछ कॉरपोरेट का वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने नेट निरपेक्षता के लिए एक अलग कानून बनाने की मांग की.

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए राहुल ने कहा, “प्रत्येक युवा के पास नेट का अधिकार होना चाहिए. लेकिन सरकार इसे कुछ कॉरपोरेट को सौंपने की कोशिश कर रही है.” उन्होंने कहा, “मैं सरकार से कानून को बदलने का अनुरोध करूंगा या नेट निरपेक्षता को सुनिश्चित करने का नया कानून बनाने की मांग करूंगा.”

राहुल ने कहा कि नेट निरपेक्षता एक कठिन शर्त है, लेकिन इससे युवा आजादी से इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे. उन्होंने कहा, “10 लाख लोगों ने नेट निरपेक्षता के लिए पंजीयन कराया है.” राहुल के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि यह ठीक है कि कांग्रेस नेता ने मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा, “उन्हें सरकार के खिलाफ कटाक्ष नहीं करना चाहिए था.”

केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “सरकार इंटरनेट पर युवाओं की सक्रियता को बढ़ावा देती है. हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमें बिना किसी पक्षपात के नेट उपलब्ध कराना है.” उन्होंने हमें मोबाइल गवर्नेस सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. प्रसाद ने कहा, “हम हर किसी को नेट उपलब्ध कराना चाहते हैं.” उन्होंने कहा, “न हमारी सरकार कॉरपोरेट के दबाव में है और न रहेगी.”

प्रसाद ने कहा कि भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पास चर्चा का अधिकार है, सरकार के पास फैसले का अधिकार है. उन्होंने कहा, “हम हर किसी को इंटरनेट उपलब्ध कराना चाहते हैं. हमने दो सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.” प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस खुद इस बात का जवाब दे कि अगस्त 2012 में कुछ लोगों के ट्विटर अकाउंट क्यों ब्लॉक किए गए थे. उनके ऐसा कहने पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया.

राहुल ने मुद्दे के लिए 10 सेकेंड मांगे, लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इससे इंकार कर दिया और कहा कि शून्यकाल के दौरन सवाल नहीं पूछा जा सकता. सदन के बाहर मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने नेट निरपेक्षता का समर्थन किया और कहा, “मुझे लगता है कि हमारी ऐसी एकमात्र पार्टी है जिसने इसके राष्ट्रीय महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया है.”

नेटवर्क निरपेक्षता तकनीकी जटिलताओं से घिरी वैश्विक अवधारणा है. इसका संबंध इंटरनेट के सेवा शुल्क से है. फोन कंपनियां और इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनी ग्राहकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इंटरनेट को नियंत्रित कर सकते हैं. नेट निरपेक्षता के जरिए सभी तक इसकी पहुंच निर्बाध गति से होगी. राहुल ने इससे पहले मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रश्नकाल स्थगित करने से संबंधित नोटिस दिया था, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया.

IANS

Tags

Advertisement