नई दिल्ली. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने आज लोकसभा से यह कह कर वॉकआउट किया कि जब तक कल सदन में विवादास्पद टिप्पणी करने वाले बीजेपी सदस्य माफी नहीं मांगते या उन्हें सस्पेंड नहीं किया जाता, वे सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हालांकि कहा कि दोनों ओर से ऐसी हरकतें हो रही है और वे किस किस से सॉरी बोलने के लिए कहें.
सरकार की ओर से कहा गया कि नियम केवल एकतरफा लागू नहीं हो सकते. एक तरफ कांग्रेस के सदस्य आसन के समीप आकर लगातार नारे लगाए और आसन को घेरकर उपाध्यक्ष के उपर काजग फेंके और दूसरी तरफ किसी एक सदस्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग करें, ऐसा कैसे होगा.
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खडगे ने आरोप लगाया कि बीजेपी सदस्य सदस्य वीरेन्द्र सिंह ने कल राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और सरकार उनका पूरा समर्थन कर रही है. उन्होंने कहा, ”सरकार विपक्ष को अपमानित करने पर तुली है. अगर सरकार ऐसे सदस्य और उसकी टिप्पणी की समर्थन करेगी तब हम इसे बर्दाश्त करने वाले नहीं हैं.’
खड़गे ने ऐलान किया कि जब तक संबंधित सदस्य को सस्पेंड नहीं किया जाता, या वह बिना शर्त माफी नहीं मांगते तब तक वे सदन में नहीं आयेंगे.
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने आरोप लगाया कि स्थिति से निपटने के लिए संसदीय कार्य राज्य मंत्री उम्मीदों पर खड़े नहीं उतरे. उन्होंने कहा कि सदस्य द्वारा खेद प्रकट करने में क्या हर्ज है. उनके ऐसा नहीं करने के विरोध में हम सदन से वॉकआउट करते हैं.
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ”मैंने सदस्य से खेद प्रकट करने के लिए कहा था, अब मैं हाथ पकड़कर ऐसा नहीं करा सकती. यहां से भी (विपक्ष) आसन के उपर कागज फेंके गए, उस पर भी मैं कुछ नहीं कह रही हूं. किस किस को सॉरी बोलने के लिए कहूं.”