पुणे. साहित्यकार और एक्टिविस्ट अरुंधति राय ने कहा है कि देश के अल्पसंख्यक इस समय डर के जिस साए में जी रहे हैं उसे बताने के लिए ‘असहिष्णुता’ जैसे शब्द काफी नहीं है. अरुंधति ने आरोप लगाया कि हिंदू राष्ट्रवाद के नाम पर केंद्र सरकार देश में ब्राह्मणवाद फैला रही है.
पुणे के महात्मा फुले समता परिषद ने अरुंधति को महात्मा फुले समानता पुरस्कार दिया है और वो ये पुरस्कार लेने वहां गई थीं. अरुंधति के भाषण के बीच में आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और अरुंधति को देश व सेना विरोधी और पाकिस्तान समर्थक बताते हुए नारेबाजी की. पुलिस बाद में नारे लगा रहे कार्यकर्ताओं को पकड़ कर बाहर ले गई.
अरुंधति ने कहा कि बीजेपी देश के समाज सुधारकों को महान हिंदू की तरह महिमामंडित करने की कोशिश कर रही है और इस चक्कर में बीजेपी ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का भी नाम ले लिया जबकि उन्होंने हिंदू धर्म त्याग कर बौद्ध धर्म ग्रहण अपना लिया था. अरुंधति ने सरकार पर इतिहास को दोबारा लिखने का भी आरोप लगाया.