नई दिल्ली: माता पिता अपने बच्चों का नाम भगवन के नाम से रखते है। क्या आपने कभी सोचा है की ऐसा क्यों होता है। भगवान के नाम पर बच्चें का नाम रखना कितना उचित है ?
भगवान के नाम पर बच्चों का नाम रखने की सदियों पुरानी परम्परा रही है। आज के समय में भी काफी लोग अपने बच्चों के नाम भगवान के नाम पर रखते हैं।
हिन्दू धर्म में माना जाता है कि बच्चों का नाम देवी-देवताओं के नाम पर रखने से उन्होंने भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जब हम किसी बच्चे को पुकारते हैं तो उसका नाम बार-बार उच्चरित होता है. यदि यह नाम किसी देवता का है, तो माना जाता है कि इससे उस देवता की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं।
मन जाता है कि जिन देवताओं के नाम पर बच्चों का नाम रखा जाता है, तो उसके कुछ गुण भी बच्चे में भी विकसित होने लगता हैं।
मान्यता के अनुसार, देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए नाम का वच्चे पर विशेष प्रभाव पड़ता है। इसलिए अक्सर माता पिता अपने बच्चों के नाम भगवान के नाम पर रखते हैं।
देवी देवताओं के नाम पर बच्चों का नाम रखने को लेकर वृन्दावन के मशहूर संत स्वामी प्रेमानंद महाराज ने आपने विचार व्यक्त किया हैं। एक सत्संग के दौरान प्रेमानंद महाराज से एक दंपति ने सवाल पुछा कि क्या हम अपने बच्चों का नाम भगवान के नाम पर रख सकते हैं। क्या ऐसा करना उचित है या नहीं ?
इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने कहा हां, बच्चे का घर का नाम या पुकारने वाला नाम भगवान के नाम पर रख सकते है। जैसे, राम,श्याम , सीता, राधा, कान्हा आदि रख सकते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि बच्चे का सांसारिक नाम अलग ही रखें। वहीं पुकारने का नाम भगवान के नाम पर रखे सकते हैं। इससे भगवान के नाम की अवमानना का दोष नहीं लगता है।
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