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आदि कैलाश पर्वत की यात्रा करें हेलीकॉप्टर से

नई दिल्ली: आदि कैलाश पर्वत की यात्रा करने की इच्छा रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। जी हां, अब आदि कैलाश पर्वत की यात्रा करने के लिए खड़ी पहाड़ियों और कठिन रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा, क्योंकि पर्यटन विभाग एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से आदि कैलाश के श्रद्धालुओं को दर्शन कराने के लिए हवाई सेवा शुरू कर रहा है। इस सेवा के शुरू होने से यात्रियों का काफी समय बचेगा।


अभी तक आदि कैलाश की यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं को कठिन रास्तों को पार करना पड़ता था, जिससे समय के साथ खतरा भी बढ़ता जाता था, लेकिन एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से आदि कैलाश की यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदि कैलाश दौरे के बाद आदि कैलाश जाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि नवंबर माह से एमआई-17 हेलीकॉप्टर से हवाई दर्शन कराने की सेवा शुरू हो जाएगी।

कितना होगा किराया?

आदि कैलाश की हेलीकॉप्टर सेवा यात्रा का पैकेज 3 दिन का है। जिसका किराया 1 लाख 20 हजार रुपये तय किया गया है। हालांकि इस यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार श्रद्धालुओं को 30 हजार की सब्सिडी दे रही है, जिसके बाद इस यात्रा का खर्च 90 हजार रुपये होने वाला है।

आदि कैलाश के लिए हेलीकॉप्टर सेवा

इस सेवा में न सिर्फ आदि कैलाश के दर्शन की व्यवस्था होगी, बल्कि श्रद्धालुओं को ओम पर्वत, कैलाश व्यू प्वाइंट के दर्शन भी कराए जाएंगे। हालांकि दर्शन स्थल की ऊंचाई 14 हजार फीट से ज्यादा होने के कारण ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए आयु सीमा 55 साल तक तय की गई है। यात्रा शुरू करने से पहले स्वास्थ्य जांच भी कराई जाएगी। उसके बाद ही आगे की यात्रा शुरू की जा सकेगी।

आदि कैलाश जाने का रूट क्या होगा?

आदि कैलाश के दर्शन के लिए यात्रा पिथौरागढ़ से शुरू होगी, जहां से सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर एक बार में 15 यात्रियों को लेकर उड़ान भरेगा और उन्हें गुंजी गांव ले जाएगा। गुंजी गांव से हाई पावर फोर व्हीलर वाहन 21 किमी आगे नाभीढांग पहुंचेंगे, जहां से श्रद्धालु सबसे पहले ओम पर्वत के दर्शन कर सकेंगे। फिर सेना और आईटीबीपी के जवानों की सुरक्षा में श्रद्धालु 9 किमी आगे ओल्ड लिपुलेख दर्रे पर पहुंचेंगे। विभाग व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा श्रद्धालु लिपुलेख के पास चोटी पर बने व्यू प्वाइंट से कैलाश पर्वत के दर्शन कर सकेंगे, जिसके लिए पर्यटन विभाग के अधीन कुमाऊं मंडल विकास निगम तैयारियां और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार श्रद्धालुओं की सुगम यात्रा के लिए बीच में 200 मीटर पैदल मार्ग बना हुआ है, जिसे दुरुस्त किया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।

 

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Manisha Shukla

पत्रकार हूं, खबरों को सरल भाषा में लिखने की समझ हैं। हर विषय को जानने के लिए उत्सुक हूं।

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