नई दिल्ली. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को खास मान्यता दी गई है. इस साल आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने जा रहा है. साल 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी और दूसरा 2 जुलाई को लगा था. सूर्य ग्रहण का इंसान से लेकर जीव- जंतुओं पर भी गहरा प्रभाव होता है. इसी […]
नई दिल्ली. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण को खास मान्यता दी गई है. इस साल आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को पड़ने जा रहा है. साल 2019 का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी और दूसरा 2 जुलाई को लगा था. सूर्य ग्रहण का इंसान से लेकर जीव- जंतुओं पर भी गहरा प्रभाव होता है. इसी वजह से ग्रहण के दौरान कई बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी बताया गया है. ग्रहण का काफी असर गर्भवती महिलाओं पर भी होगा. गर्भवती महिलाओं को भी सूर्य ग्रहण के दौरान काफी सावधानी बरतनी चाहिए वरना होने वाले शिशु नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
हिंदू पुराणों की मानें तो आकाश में जब सूर्य ग्रहण होता है तो उस दौरान ढेर सारी ऊर्जा का हनन होता है. इसलिए उस समय नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इस वजह से गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को नुकसान पहुंचने की गुंजाइश अधिक हो जाती है. हालांकि, डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण से बचाव के कई तरीके और सावधानी बताई गई हैं. जानिए अगले पेज पर.
अगर आप अपने गर्भ में पल रहे शिशु की रक्षा करना चाहती हैं तो सूर्य ग्रहण के दौरान भूलकर भी न तो किसी तरह का भोजन पकाएं और न ही खाएं. ऐसा करना आपके साथ-साथ पेट में पल रहे बच्चे के लिए भी नुकसानदायक साबित हो सकता है. साथ ही गर्भवती महिला गलती से भी सूर्य ग्रहण की ओर अपनी निगाहें न करें या उसे देखने की कोशिश न करें क्योंकि ऐसा करने से आंखों और लीवर पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान भूलकर भी अपने घर की चौखट के बाहर कदम नहीं रखें. अगर कोई संकट ही है तो ही अपने घर से बाहर निकलें. दरअसल ऐसा करने से सूर्य ग्रहण की किरणों का बुरा असर आपके भ्रूण पर पड़ सकता है जिसका नुकसान शिशु को बड़े रूप में हो सकता है. शिशु विकलांग भी हो सकता है. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद कोशिश करें की जल्द से जल्द नहा लें. बताया गया है कि ग्रहण खत्म होने के बाद गर्भवती महिला को स्नान करना चाहिए जिससे शिशु को त्वचा संबंधी रोग न हो.