2500 रुपए घंटे हवाई सफर, सौदा घाटे का है या फायदे का, जोड़िए

केंद्र सरकार कम दूरी की लोकल हवाई यात्रा को आकर्षक बनाने के लिए 2500 रुपए प्रति घंटे सफर का किराया फिक्स कर सकती है जिसके बाद दिल्ली से मुंबई का किराया 5000 रुपया फिक्स हो जाएगा जिसके टिकट अभी इससे कम में भी मिल जाते हैं.

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2500 रुपए घंटे हवाई सफर, सौदा घाटे का है या फायदे का, जोड़िए

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  • November 4, 2015 10:15 am Asia/KolkataIST, Updated 9 years ago

नई दिल्ली. केंद्र सरकार कम दूरी की लोकल हवाई यात्रा को आकर्षक बनाने के लिए 2500 रुपए प्रति घंटे सफर का किराया फिक्स कर सकती है जिसके बाद दिल्ली से मुंबई का किराया 5000 रुपया फिक्स हो जाएगा जिसके टिकट अभी इससे कम में भी मिल जाते हैं. 

सरकार ने सिविल एविएशन पॉलिसी में इस नई स्कीम को शामिल किया है जिसके तहत रीजनल फ्लाइट्स पर जेट फ्यूल सरचार्ज और पैसेंजर सर्विस चार्ज वगैरह को खत्म कर सकती है.

अंग्रेजी अख़बार द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है.

वित्त मंत्रालय ने जेट फ्यूल पर 8 परसेंट सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और 4.94 परसेंट सर्विस टैक्स हटाने की हामी भर दी है. 149 रुपए प्रति पैसेंजर वसूला जाने वाला पैसेंजर सर्विस फीस भी माफ किया जा सकता है.

अगले बजट में घोषणा संभव, कम ट्रैफिक वाले सेक्टर में पैसेंजर बढ़ाना लक्ष्य

सूत्रों का कहना है कि सरकार अगले बजट में इस नई स्कीम की घोषणा कर सकती है जिसके बाद कम दूरी की लोकल यात्राओं के लिए 2500 रुपए प्रति घंटे की दर से किराया वसूला जाएगा.

इस नई स्कीम पर अमल हुआ तो दिल्ली से मुंबई का किराया 5000 रुपया फिक्स हो जाएगा जिससे वैसे पैसेंजर दुखी होंगे जिन्हें इस समय इससे सस्ते में ही दिल्ली से मुंबई जाने या मुंबई से दिल्ली लौटने का टिकट मिल जाता है. इस स्कीम का फायदा पटना, लखनऊ या चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को होगा जिन्हें कई बार टिकट के लिए 8-10 हजार तक चुकाने पड़ते हैं.

एयरलाइंस को घाटे हुआ तो भरपाई सरकार करेगी

सरकार की योजना इस स्कीम के जरिए उन शहरों के लिए हवाई पैसेंजर की संख्या बढ़ाना है जहां बहुत ज्यादा किराया होने की वजह से लोग हवाई यात्रा नहीं कर रहे हैं. छोटे शहरों के लिए जहां पैसेंजर की संख्या कम है वहां एयरलाइन कंपनियां ज्यादा किराया वसूल रही हैं. सरकार की कोशिश इस किराए को नीचे लाने की है.

सरकार की इस स्कीम में वायबलिटी गैप फंड और रीजनल कनेक्टिविटी फंड की भी व्यवस्था है. इस फंड से उन एयरलाइन के घाटे की भरपाई सरकार करेगी जो इस स्कीम के तहत कम ट्रैफिक वाले रूट पर भी सस्ते किराए में यात्रियों को ले जाएंगी.

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