नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के व्यापम भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि CBI के हाथ में जांच आते ही मौतों का सिलसिला अचानक रुक कैसे गया. घोटाले की जांच फिलहाल CBI सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कर रही है. बता दें कि पिटीशनर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और आनंद राय ने आरोप लगाया था कि स्टेट पुलिस की जांच के दौरान इस घोटाले से जुड़े 42 लोगों की रहस्यमय तरीके मौत हुई है.
कोर्ट ने क्या कहा?
चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की बेंच ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था और 9 जुलाई से इस पर नजर बनाए हुए है. कोर्ट ने कहा था, ”हम नहीं चाहते कि अब इस मामले से जुड़े एक भी शख्स की मौत हो.” शुक्रवार को जस्टिस दत्तू, एसए बोब्डे और अमिताव रॉय की बेंच ने 9 जुलाई को दिए अपने कमेंट को याद करते हुए कहा कि स्कैम में उसके बाद किसी की भी मौत नहीं हुई. सीजीआई ने कहा, ”मैं देख रहा हूं कि जब से कोर्ट ने सीबीआई को जांच सौपी है और जांच की निगरानी करने का फैसला किया है तब से एक भी मौत की जानकारी नहीं.” अटर्नी जनरल मुकुल रोहतगी मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से पैरवी कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि 42 मौतों का आरोप पर्नसली मुझे अजीब बात लग रही है.
सीबीआई ने क्या कहा?
सीबीआई की ओर से मौजूद सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल महिंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पिटीशनर्स की ओर से 34 मौतों की जानकारी दी गई थी. एजेंसी ने इन मामलों की जांच शुरू कर दी. इन मौतों के पीछे के कारणों और हालातों का भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इनका स्कैम से कोई लिंक है. कुमार ने बताया कि एजेंसी ने कोर्ट के ऑर्डर पर व्यापमं से जुड़े सभी 184 मामलों को अपने हाथ में ले लिया है. इसमें 72 केस भी शामिल हैं जिसमें स्टेट पुलिस ने चार्जशीट फाइल की थी.