नई दिल्ली. संत समाज द्वारा महामंडलेश्वर पद बैठाए गए सच्चिदानंद गिरी ने खुद से जुड़े डिस्को, बीयर बार और रियल स्टेट विवाद पर सफाई दी है. उन्होंने इंडिया न्यूज से बात करते हुए कहा कि वह जिस भी क्षेत्र से महामंडलेश्वर पद तक आए हैं.वह उनसे जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि उनके पिता से जुड़ा […]
नई दिल्ली. संत समाज द्वारा महामंडलेश्वर पद बैठाए गए सच्चिदानंद गिरी ने खुद से जुड़े डिस्को, बीयर बार और रियल स्टेट विवाद पर सफाई दी है. उन्होंने इंडिया न्यूज से बात करते हुए कहा कि वह जिस भी क्षेत्र से महामंडलेश्वर पद तक आए हैं.वह उनसे जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि उनके पिता से जुड़ा है.
हाल ही में संतों की तपोभूमि प्रयाग में सच्चिदानंद गिरी को एक भव्य आयोजन में पूरे धार्मिक रीति रिवाज के साथ महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई.
क्या है विवाद?
दरअसल, सच्चिदानंद को महामंडलेश्वर की उपाधि देने के बाद यह विवाद गहराया कि त्रिवेणी के पावन संगम में संत समाज ने जिस शख्स को संत परंपरा के सर्वोच्च स्थान महामंडलेश्वर की पदवी से विभूषित किया है, वह डिस्को, बीयर बार और रियल एस्टेट के धंधे को संभालते थे.
इस विवाद पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी का कहना है कि पहले वह क्या करते थे, इससे हमें मतलब नहीं. संत समाज सच्चिदानंद को महामंडलेश्वर की उपाधि देने से संतुष्ट है.